ओडिशा में यौन शोषण के आरोपों को लेकर आश्रय गृह सील - Punjab Kesari
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ओडिशा में यौन शोषण के आरोपों को लेकर आश्रय गृह सील

पंजीकृत आश्रय गृह के गैरकानूनी संचालन को रोकने में सरकार की ‘‘नाकामी’’ के लिए राज्य महिला एवं बाल

ओडिशा के ढेंकानाल जिले में एक गैर सरकारी संस्था द्वारा संचालित आश्रय स्थल को रविवार को सील कर दिया गया। यह कार्रवाई वहां रहने वाले नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते की गयी। एक अधिकारी ने बताया कि मीडिया में नाबालिग लड़कियों के शोषण की खबर आने के दो दिन बाद जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) अनुराधा गोस्वामी और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों ने आश्रय स्थल पर छापेमारी की कार्रवाई की। जिला अधिकारी ने बताया, ‘‘ढेंकानाल सदर के तहसीलदार यू के महापात्रा और डीसीपीओ की उपस्थिति में पुलिस ने बेलटिकरी क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे निजी आश्रय स्थल को बंद करा दिया।’’

ढेंकानाल के पुलिस उप मंडल अधिकारी अब्दुल करीम ने बताया कि आश्रय गृह के प्रबंध निदेशक फयाज रहमान और अन्य कर्मचारी उदित लीमा को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आश्रय गृह के प्रभारी सीमांचल नायक को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों का आरोप है कि नायक पिछले दो साल से अधिक वक्त से उनका शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण कर रहा था।

 नायक ने इन आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि वह ऐसा इसलिए कह रही हैं क्योंकि उसने आश्रय गृह में अनुशासन लागू करने की कोशिश की थी। ओडिशा के महिला एवं बाल विकास मंत्री (डब्ल्यूसीडी) प्रफुल्ल सामल ने शनिवार को ऐसे केंद्रों को ‘अनियंत्रित और अवैध’ बताया और तत्काल बंद करने के आदेश दिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि राज्यभर के जिलाधीशों को एनजीओ गुड न्यूज इंडिया द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृह की सभी 22 शाखाओं को बंद करने के लिए कहा गया है।

 ढेंकानाल के जिलाधीश निखिल पवन कल्याण ने बताया कि मामले की विस्तृत छानबीन चल रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्रय गृह का निरीक्षण किया और कर्मचारियों से पूछताछ के अलावा कुछ दस्तावेज खंगाले। ढेंकानाल आश्रय गृह में पांच से 16 आयु वर्ग की 47 लड़कियां और 34 लड़के हैं, जिन्हें नजदीक के ही एक अन्य बाल देखभाल संस्थान में भेज दिया गया है। इस घटना पर विपक्षी दलों ने बीजद सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान ने गैर पंजीकृत आश्रय गृह के गैरकानूनी संचालन को रोकने में सरकार की ‘‘नाकामी’’ के लिए राज्य महिला एवं बाल विकास मंत्री प्रफुल्ल सामल से इस्तीफा मांगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने कहा कि बीजद सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में बुरी तरह नाकाम रही।

बहरहाल, डब्ल्यूसीडी मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और राज्य सरकार दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इस बीच, भाजपा की महिला ईकाई की अध्यक्ष प्रभति परीदा के नेतृत्व में पार्टी के एक दल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को बेलटिकरी का निरीक्षण किया। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि दल ने आश्रय गृह की कार्य प्रणाली के बारे में जानने के लिए स्थानीय लोगों से बातचीत की। राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए परीदा ने आरोप लगाया कि प्रशासन, स्थानीय पुलिस और डब्ल्यूसीडी मंत्री को ‘‘अवैध आश्रय गृह के बारे में जानकारी’’ थी।

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