पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव से पहले हिंसा की घटना रोकने को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का निर्देश दिया था। इस फैसले को ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।आज कोर्ट में हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछे सवाल
कोर्ट ने वर्तमान जमीनी स्थिति के बारे में पूछा, तो राज्य सरकार के वकील ने कहा कि 8 जुलाई को चुनाव होना है. 20 जून नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है, 189 सेंसिटिव बूथ है, हमारी सुरक्षा को लेकर पुख्ता तैयारी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हाईकोर्ट ने ये आदेश इसलिए दिया क्योंकि 2013 और 2018 के चुनाव में हिंसा का पुराना इतिहास रहा है, हिंसा के माहौल मे चुनाव होना असंभव है, चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से होना चाहिए, अगर लोगों को इस बात की भी आजादी नहीं है कि वो नामंकन पत्र दाखिल कर पाएं, उनकी हत्या हो रही है तो फिर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बात का सवाल ही नहीं उठता.