कर्नाटक के कुछ वीरशैव-लिंगायत संतों ने रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बीदर जिले के बसवकल्याण स्थित ‘पीर पाशा बंगला’ का सर्वेक्षण कराने की अपील करते हुए दावा किया कि यह मूल रूप से ‘अनुभव मंडप’ है, जो देश का पवित्र स्थान है। उनका दावा है कि यह लिंगायत संप्रदाय के संस्थापक और 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवेश्वर का पवित्र स्थल है।
सीएम से संतो ने कि मुलाकात
संतों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘दुनिया की पहली संसद, ‘अनुभव मंडप’ अब पीर पाशा बंगला है, जिसे तत्काल संरक्षण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सर्वेक्षण की आवश्यकता है।’’ बसवकल्याण से भाजपा विधायक शारानु सालगर और वीरशैव-लिंगायत संगठन वेदिके के अध्यक्ष प्रदीप कंकनवाड़ी के नेतृत्व में संतों ने बोम्मई से उनके आवास पर मुलाकात की।
‘अनुभव मंडप’ कॉरिडोर को केंद्र सरकार से 500 करोड़ रूपये की राशि प्रस्ताव भेजने की गुजारिश
उन्होंने मांग की कि राज्य को ‘अनुभव मंडप’ कॉरिडोर के लिए 500 करोड़ रुपये जारी करने का केंद्र को प्रस्ताव भेजना चाहिए, जिसके तहत बसवेश्वर से संबंधित स्थलों की पहचान और उनका संरक्षण किया जाना चाहिए।
बोम्मई ने दिया संतो को आश्वासन , कहा दस्तावेजों की जांच की जाएगी
उन्होंने कहा कि अनुभव मंडप को बसवकल्याण में एक प्रमुख लिंगायत अध्ययन केंद्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
यादगीर जिले के शाहपुर तालुक में तपोवन मठ के गिरिमलेश्वर स्वामीजी के अनुसार, बोम्मई ने संतों को आश्वासन दिया कि सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी और इस संबंध में अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई गई है।