कोझिकोड : केरल में सबरीमला मामले को लेकर लगातार जारी हिंसा के बीच कोझिकोड जिले में मंगलवार तड़के माकपा और भाजपा कार्यतकर्ताओं के घरों पर देशी बम फेंके गए। पुलिस ने बताया कि कोयिलान्डी इलाके में पहला बम माकपा के समिति सदस्य शिजू के घर पर फेंका गया। इसके बाद भाजपा नेता वी के मुकुंदन के घर पर देशी बम फेंका गया। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है।
कोयिलान्डी में सोमवार को भी एक भाजपा कार्यकर्ता के घर पर देशी बम फेंका गया था। वहीं कन्नूर से 18 देशी बम बरामद किए गए थे।केरल में दो रजस्वला महिलाओं कनकदुर्गा (44) और बिंदू (42) के गत बुधवार को सबरीमला स्थित अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने के बाद से ही हिंसा जारी है। इसके अगले दिन ही कई हिंदू संगठनों ने बंद भी बुलाया था। पुलिस के अनुसार इस सिलसिले में पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा में 2,187 मामले दर्ज किए गए हैं और 6,914 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
BJP का आरोप : सबरीमला में हिंसा केरल सरकार ने भड़काई
भाजपा ने आरोप लगाया कि केरल में सबरीमाला मंदिर के आस-पास हिंसा राज्य की एलडीएफ सरकार ने भड़कायी। उसने कहा कि मामले से संवेदनशील तरीके से निपटने की जगह राज्य सरकार ने स्थिति और बिगाड़ दी, नतीजतन कई श्रद्धालु घायल हो गये और कई लोगों की मौत हुई। भगवा पार्टी ने यह भी कहा कि सबरीमला मुद्दा हिंदुओं के बारे में है, ना कि सत्तारूढ़ पार्टी के बारे में। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कन्नूर हिंसा का ‘‘केंद्र’’ बन गया है और यह राज्य सरकार की इसमें मिलीभगत का खुलासा करती है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कन्नूर से आते हैं।
भाजपा-आरएसएस और सत्तारूढ़ माकपा कार्यकर्ताओं की हिंसा ने राजनीतिक रूप से अस्थिर रहे उत्तर केरल के कन्नूर जिले को शनिवार हिलाकर रख दिया, जिसमें विरोधी नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि माकपा विधायक ए एन शमसीर के मडापीडिकाइल स्थित घर, राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा नेता वी मुरलीधरन के वडियिल पीडिकिया स्थित घर और माकपा के कन्नूर जिले के पूर्व सचिव पी शशि के थलास्सेरी स्थित घरों सहित कई जगहों पर बम फेंके। हालांकि, इन हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ।
राव ने आरोप लगाया, ‘‘यह सबकुछ माकपा के गुंडों ने राज्य सरकार की पूरी शह और समर्थन से किया है। आरएसएस-भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा भड़काने का माकपा का इतिहास रहा है। लेकिन आज वो श्रद्धालुओं तक को नहीं बख्श रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार डीवाईएफआई, एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल कर रही है। यह सब राज्य प्रायोजित हिंसा है। दो दिन पहले एक श्रद्धालु मारा गया और हमारे एक सांसद के पुश्तैनी घर पर बम फेंका गया।’’
उन्होंने कहा कि सबरीमला मंदिर में प्रदर्शन की प्रकृति राजनीतिक नहीं थी, बल्कि मंदिर की परंपरा बरकरार रखने के लिये शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहे थे। राव ने कहा, ‘‘यह श्रद्धालुओं का मुद्दा है, ना कि भाजपा का मुद्दा है। यह हिंदू समाज से जुड़ा मुद्दा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हुई हिंसा के लिये केरल के मुख्यमंत्री खुद जिम्मेदार हैं, जिसमें अब तक 1,700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मामले में पिनराई विजयन की साजिश साफ-साफ झलक रही है। उन्होंने मामले का राजनीतिकरण किया और राजनीतिक फायदे के लिये इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, इसकी हम आलोचना करते हैं।’’राव ने मीडिया से अपील की कि वे इस मुद्दे को सिर्फ लैंगिक नजरिये से नहीं देखें। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता के मुद्दे से भाजपा का जुड़ाव रहा है। हालांकि यह परंपरा, संस्कृति, भावनाओं और आस्था का मामला है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी सरकार अगर श्रद्धालुओं पर कार्रवाई की कोशिश करेगी तो उसकी सिर्फ नकारात्मक प्रतिक्रिया होगी। उच्चतम न्यायालय द्वारा समीक्षा याचिका पर सुनवाई करने की संभावना है और मैं मीडिया से अपील करता हूं कि वह इसके संपूर्ण पहलुओं पर गौर करे, ना कि मामले को वामपंथी विचारों से प्रभावित होकर देखे। उनके विचार सिर्फ उनकी वोटबैंक की राजनीति के लिये हैं।’’उन्होंने कहा सबरीमाला मुद्दा, तीन तलाक मामला और राम मंदिर मुद्दा तीनों अलग-अलग मुद्दे हैं और इन्हें समान नजरिये से नहीं देखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विभिन्न मानक रखने का सवाल नहीं है। सबरीमला, भगवान की पूजा के बारे में है, जो धार्मिक मुद्दे के वृहद परिप्रेक्ष्य में आता है। तीन तलाक, पति और पत्नी के अधिकारों के बारे में है। अगर यह धर्म के लिये इतना ही अभिन्न था तो अन्य इस्लामिक देश इस पर प्रतिबंध क्यों लगाते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर बहुत बड़ा भावनात्मक मुद्दा है और हमलोग निश्चित रूप से अयोध्या में विशाल मंदिर के निर्माण के पक्षधर हैं, लेकिन जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा मामला अदालत में है। हालांकि, यह भी धर्म से जुड़ा मामला है लेकिन अदालत के लिये यह सिर्फ एक दीवानी विवाद है। इसलिए ये तीन अलग-अलग मुद्दे हैं।’’