विपक्ष के नेता अंबादास दानवे द्वारा प्याज की गिरती कीमतों पर चर्चा की मांग के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र विधान परिषद को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे की प्याज की गिरती कीमतों पर चर्चा की मांग के बाद मंगलवार को विधान परिषद की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। स्थगन का अर्थ है कि परिषद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के उपाध्यक्ष को लिखे पत्र पर तुरंत कार्रवाई नहीं कर सकी। इस पत्र में मांग की गई है कि विप्लव गोपीकिशन बाजोरिया को उच्च सदन में शिवसेना का मुख्य सचेतक बनाया जाए।
बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर ऊपरी सदन में चर्चा की मांग की
वर्तमान में शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के विधान पार्षद (एमएलसी) अनिल परब सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक हैं। दानवे ठाकरे धड़े से हैं जिन्होंने प्याज की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर ऊपरी सदन में चर्चा की मांग की, लेकिन उपाध्यक्ष नीलम गोरे ने इस पर चर्चा से इनकार कर दिया जिसके बाद सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के विधायकों में बहस हुई और उन्होंने एक दूसरे पर आरोप लगाए।
वर्तमान में ऊपरी सदन में बहुमत नहीं है
राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिंदे खेमे के पास वर्तमान में ऊपरी सदन में बहुमत नहीं है। गोरे भी ठाकरे गुट से ही हैं। उन्होंने पहले ऊपरी सदन को दो बार स्थगित किया लेकिन बाद में भी हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।