तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले को गुजरात पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने को मंगलवार को ‘डरी हुई’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रतिक्रिया बताया।बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस इस तरह डराने-धमकाने के कृत्यों के सामने झुकेगी नहीं।उन्होंने कहा, ‘‘निडर, गोखले उस सत्ताधारी व्यवस्था के खिलाफ खड़े थे जो अपने फायदे के लिए लोगों की जान की बाजी लगाती है। प्रतिक्रिया में डरी हुई भाजपा ने हमारे राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को गुजरात पुलिस से गिरफ्तार कराया। यह सोचना उनकी मूर्खता है कि डराने-धमकाने के ये कृत्य हमें झुका देंगे।’’गुजरात पुलिस ने पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा के बारे में एक कथित फर्जी समाचार का समर्थन करने वाले ट्वीट पर गोखले को हिरासत में लिया है। 31 अक्टूबर को पुल गिरने से 135 लोगों की जान चली गई थी।
गुजरात पुलिस ने सोमवार देर रात राजस्थान के जयपुर से तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता को गिरफ्तार किया।तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने गोखले को हिरासत में लिये जाने के घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि अहमदाबाद साइबर प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज मामला ‘गढ़ा गया’ है।उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘साकेत ने सोमवार को नयी दिल्ली से हवाई मार्ग से रात नौ बजे जयपुर के लिए उड़ान भरी। जब वह जयपुर उतरे तो गुजरात पुलिस वहां उनका इंतजार कर रही थी और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सोमवार देर रात दो बजे उन्होंने अपनी मां को फोन कर बताया कि वे (गुजरात पुलिस) उन्हें अहमदाबाद ले जा रहे हैं और वह आज (मंगलवार को) दोपहर में वहां पहुंचेंगे।’’
ओब्रायन ने कहा कि गुजरात पुलिस ने उन्हें दो मिनट फोन पर बात करने की अनुमति दी और फिर उनका फोन तथा अन्य सामान जब्त कर लिया।उन्होंने कहा, ‘‘इस सबके बाद तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष शांत नहीं रह सकता। भाजपा राजनीतिक प्रतिशोध को किसी और स्तर पर ले जा रही है।’’तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने गोखले की गिरफ्तारी को पूरी तरह ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि यह दिखाता है कि भाजपा एक निरंकुश देश बनाने की कोशिश कर रही है।उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र में भाजपा के दिन गिनती के रह गये हैं।गोखले ने पिछले दिनों एक समाचार का अंश ट्वीट किया था जो वस्तुत: एक प्रमुख गुजराती अखबार में प्रकाशित हुआ बताया गया। इसमें दावा किया गया था कि सूचना के अधिकार के तहत एक प्रश्न के जवाब में पता चला है कि गुजरात सरकार ने अक्टूबर में मोरबी पुल हादसे के बाद मोदी की वहां की यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च किये थे।