जोशीमठ की स्तिथि को लेकर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक में जोशीमठ के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव सहित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे।
इस बैठक में उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है। राज्य सरकार द्वारा उचित मुआवजा और राहत उपाय प्रदान किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया है। जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र और उसके आसपास के निर्माण कार्यों को भी अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
वहीं सदस्य सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने समिति को सूचित किया कि सीबीआरआई, जीएसआई, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, एनआईडीएम और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के विशेषज्ञों की एक टीम ने 6 और 7 जनवरी को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने जिला प्रशासन से भी उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए बातचीत की है।
केंद्रीय गृह सचिव ने समिति को अवगत कराया कि सचिव, सीमा प्रबंधन के नेतृत्व में गृह मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम स्थिति के आकलन के लिए जोशीमठ में है। वहीं कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने जोर देकर कहा कि प्रभावित क्षेत्र में सभी निवासियों की निकासी जल्द पूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशील संरचनाओं को सुरक्षित तरीके से गिराने को प्राथमिकता दी जा सकती है।
कैबिनेट सचिव ने संबंधित अधिकारियों से ये भी कहा कि सभी अध्ययन और जांच का काम जैसे भू-तकनीकी, भूभौतिकीय और जल विज्ञान, एक समन्वित और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए। वहीं कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिव को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां ??आवश्यक सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।