हरिद्वार : हाईकोर्ट के आदेश पर हुई हरिद्वार में उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई काफी पहले हो सकती थी। लेकिन प्रशासन की हीलाहवाली के चलते 18 दिनों तक उद्योगों पर कार्रवाई नहीं की गई। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने आठ अप्रैल को ही सीलिंग की कार्रवाई के लिए नोटिस जारी कर दिया था। हाईकोर्ट ने मानकों का पालन नहीं करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कंपनियों में निरीक्षण के आदेश दिए थे।
बीते मार्च माह में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने हरिद्वार, सिडकुल, बहादरबाद, भगवानपुर की कंपनियों में निरीक्षण कर मानकों की जांच की थी। सिडकुल स्थित शारदा मोटर्स इंडस्ट्रीज तथा स्टार इंडस्ट्रीज, बहादराबाद स्थित श्री मेटल फिनिशर तथा वीटी, बेगमपुर स्थित माइक्रो टर्नर तथा भगवानपुर स्थित अविना मिल एवं पीएस मोटर कंपनी में लापरवाही पाई गईं थी। पहले तो कंपनियों को नोटिस जारी कर कमियों को दूर करने के लिए कहा गया था। लेकिन कंपनियों ने कमियों को दूर नहीं किया।
इस पर आठ अप्रैल को क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सातों कंपनियों को सील करने का आदेश जारी कर दिया। कंपनियों को सील करने का नोटिस पुलिस और प्रशासन के अलावा ऊर्जा निगम के अधिकारियों तक को भेजा गया, लेकिन सीलिंग के नोटिस के बाद भी 18 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन हीलाहवाली करता है। जब मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से सीलिंग न करने पर जवाब मांगा तो अगले ही दिन शुक्रवार को हरिद्वार की कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी। सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर 18 दिनों तक प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की।