विज्ञान में किसी भी प्रकार के चमत्कार के लिए कोई भी जगह नहीं है विज्ञानं सिर्फ प्रमाणिकता को ही स्वीकार करता है। विज्ञान के अनुसार हर घटना का कोई न कोई कारण होता है जिससे परिणाम प्राप्त होता है। विज्ञान में किसी भी घटना का एक घटनाक्रम होता है जिससे कोई प्रक्रिया होती है और फिर सटीक परिणाम मिलते है। चिकत्सा विज्ञान में उपचार हेतु प्रयोग में लाई जाने वाली दवाओं से परिणाम तो आ सकते है लेकिन कोई चमत्कार नहीं हो सकता है या किसी भी प्रकार से कोई दवाई जादुई नहीं हो सकती।
अधिनियम 1954 के तहत लद्दाख के उपराज्यपाल को शक्ति सौंपी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नव स्थापित केंद्र शासित प्रदेश के अधिकार क्षेत्र के भीतर दवाओं के विज्ञापन को नियंत्रित करने के लिए ड्रग्स एंड रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत लद्दाख के उपराज्यपाल को शक्ति सौंपी है।
लद्दाख एलजी अब पूरे लद्दाख में ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज अधिनियम के तहत शक्तियों का प्रयोग करेंगे, जिसे पारित होने के बाद 31 अक्टूबर, 2019 को भारत के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्थापित किया गया था।
अगले आदेश तक शक्तियों का प्रयोग और कार्यों का निर्वहन
लद्दाख के एलजी, जो देश का सबसे बड़ा और दूसरा सबसे कम आबादी वाला केंद्र शासित प्रदेश है, नए आदेश तक ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के तहत नई शक्तियों का निर्वहन करेंगे। संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के अनुसरण में, राष्ट्रपति निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहेंगे और अगले आदेश तक शक्तियों का प्रयोग और कार्यों का निर्वहन करेंगे।
जाने क्या है ड्रग्स और जादुई उपचार अधिनियम
ड्रग्स और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 कुछ मामलों में दवाओं के विज्ञापन को नियंत्रित करता है, जो चमत्कारी उपचारो के विज्ञापन पर लगाम कसता है। जादुई उपचार में एक तावीज ,मंत्र , कवच और किसी भी प्रकार का कोई भी अन्य आकर्षण हो। जिसमे मनुष्यों या जानवरों में किसी भी बीमारी के ठीक या रोकथाम के लिए जादुई शक्ति होने का आरोप लगाया गया।