एमपी गजब है.. अपेक्स बैंक की परीक्षा में फेल हुए 104 लोगों को DGM और मैनेजर बनाने की थी तैयारी - Punjab Kesari
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एमपी गजब है.. अपेक्स बैंक की परीक्षा में फेल हुए 104 लोगों को DGM और मैनेजर बनाने की थी तैयारी

एमपी वाकई में गजब है एक के बाद एक घोटाले और सभी अधिकारियों को बाद में क्लीन चिट।

भोपाल (मनीष शर्मा) एमपी वाकई में गजब है एक के बाद एक घोटाले और सभी अधिकारियों को बाद में क्लीन चिट। व्यापम घोटाला हो ई टेंडर घोटाला कुछ दिन की सुर्खियां और फिर खत्म। अब एक नया घोटाला सामने आया है 104 उच्च पदों पर अपेक्स बैंक में नियुक्तियों का। जो लोग परीक्षा में फेल हो गए उन्हें बैंक का उप महाप्रबंधक और प्रबंधक बनाने की तैयारी की जा रही है।
व्यापम से भी बड़ा घोटाला है अपेक्स बैंक में नियुक्तियों का
अपेक्स बैंक घोटाले में मुख्यमंत्री की चुप्पी तथा अभी तक इन नियुक्तियों को निरस्त नहीं करना आश्चर्यचकित करता है। ईमानदार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में घोटाले बाजों को कैसे क्लीन चिट मिल जाती है यह समझ से परे है। अपेक्स बैंक में अधिकारियों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला जानने के बाद व्यापम के बाद एक बार फिर पूरे देश में मध्यप्रदेश की छवि धूमिल हुई है।
अपेक्स बैंक के घोटालेबाज एमडी प्रदीप निखरा के सेवानिवृत्ति से 20 दिन पहले विदाई कर दी गई है। साथ ही भर्ती में गड़बड़ी की जांच के आदेश दिए गए हैं। नीखरा द्वारा 104 उच्च पदों के लिए सारे नियमों को एक तरफ रखते हुए पदों को भरने की तथा अपनों को रेवड़ियां बांटने की साजिश नाकाम हुई है। बैंक सूत्रों का कहना है कि सेवानिवृत्ति से पहले नीखरा ने नियुक्तियों में 50 करोड़ की उगाही की थी।  
साथ ही सवाल उठ रहे हैं कि एमडी  अपने स्तर पर इतना बड़ा घोटाला कर सकते हैं क्या। प्रदीप नीखरा पर राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में कई प्रकरण दर्ज है उसके बावजूद वह लगातार बैंक के प्रबंध संचालक कैसे बने रहे यह भी जांच का विषय है। अपेक्स बैंक में नियुक्तियों के घोटाले तथा  विवादों से बचने के लिए अधिकारियों की भर्ती परीक्षा को ही निरस्त करने की तैयारी है। जल्द ही भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी का मामला सुर्खियों में नहीं आए इसलिए भर्ती परीक्षा को ही निरस्त करने का फैसला हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि अपेक्स बैंक में अधिकारी के 104 पदों के लिए भर्ती में प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला पिछले कुछ दिनों से उठ रहा है। शुरूआत में मामले को दबाने की पुरजारे कोशिश की गई, लेकिन गड़बड़ी की आंच मंत्रालय तक पहुंचने से पहले ही एमडी प्रदीप नीखरा को भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाकर हटा दिया है। शासन ने एमडी का प्रभार आयुक्त सहकारिता नरेश कुमार पाल को सौंपा है। पाल ने तत्काल चार्ज भी ले लिया है। यह गड़बड़ी किस स्तर पर हुई, इसका परीक्षण करके जिम्मेदारी तय की जाएगी। 
इसके लिए ज्चाइंट रजिस्ट्रार बृजेश शुक्ला को जिम्मा सौंपा है। शासन और सहकारिता विभाग का नियम है की जांच हमेशा उच्च पद के व्यक्ति से करवाई जाती है लेकिन यहां पर मामले को दबाने के लिए अपेक्स बैंक के एमडी प्रदीप मिश्रा से जूनियर व्यक्ति को जांच का जिम्मा सौंपा है। सूत्रों ने बताया कि शुरूआती जांच में यह तथ्य उजागर हो चुका है कि भर्ती में नियमों को दरकिनार किया गया है। 
104 अफसरों की भर्ती में घोटाला एमडी प्रदीप नीखरा की भूमिका संदेहास्पद है। अपेक्स बैंक ने भर्ती पूर्व नियम बनाया था कि जो भी परीक्षार्थी 40 नंबर से अधिक अंक लाएगा उसे ही साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। बाद में पता चला कि ऐसे अपात्र जिन्हें 15, 20, 22, 23, 32 अंक मिले उन्हें भी पात्र घोषित कर नियुक्ति देने की तैयारी की जा रही थी। 
▪️ यह है मामला
अपैक्स बैंक ने जनवरी 2021 में कुल 104 विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरु की थी। इसमें 29 पद महा प्रबंधक, उप प्रबंधक व सहायक प्रबंधकों के हैं। आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में बैंक भर्ती नियमों पालन नहीं किया गया। दरअसल, प्रारंभिक परीक्षा में महा प्रबंधक के 2 पर 2 और सहायक प्रबंधक के 3 पदों के लिए 3 उम्मीदवारों का मुख्य परीक्षा के लिए चयन किया गया। जबकि बैंकिंग भर्ती नियम में मुख्य परीक्षा में 1 पद पर न्यूनतम 5 उम्मीदवार होना चाहिए।

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