सबरीमाला मंदिर में पूजा के लिए जा रहे ट्रांसजेंडर लोगों के एक समूह को पुलिस ने मंदिर से 60 किलोमीटर दूर इरूमेली में ही रोक दिया और वापस भेज दिया। ट्रांसजेंडरों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनको प्रताड़ित किया और कहा कि उनके दर्शन पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन इस मुद्दे पर कानूनी स्पष्टता की जरूरत है।
दर्शन के लिए पारंपरिक परिधान काली साड़ी पहनकर अनन्या, तृप्ति, रेंजूमोल और अवंतिका मंदिर जा रही थीं। उन्होंने कहा कि वे सभी तड़के यहां पहुंचीं लेकिन पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करने से इंकार किया और आगे जाने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया कि इरूमेली पुलिस ने भगवान अयप्पा मंदिर जाने के लिए उन्हें पुरूषों की तरह की पोशाक पहनने को कहा।
अनन्या ने कहा कि वह साड़ी नहीं बदलना चाहती थीं। उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं पर लगा प्रतिबंध हम पर लागू नहीं होता। हमने पुलिस से यह कहा भी लेकिन वे हमें आगे जाने देने की अनुमति देने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और पुरूषों का परिधान पहनने के लिए मजबूर किया।’’
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बहरहाल, कोट्टायम के पुलिस अधीक्षक एस. हरिशंकर ने प्रताड़ना के आरोपों को खारिज किया और कहा कि सबरीमाला मंदिर में हर किसी को पूजा करने का अधिकार है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस संबंध में हमें कुछ कानूनी स्पष्टता लेने की जरूरत है। इसलिए हम हाई कोर्ट द्वारा नियुक्ति समिति के सामने जाएंगे और उनकी सलाह लेंगे।’’