प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के पहले दो दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन और निवेशकों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2025 तक भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करने में हर राज्य और जिले की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
पीएम मोदी ने यहां दो दिन चलने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन संबोधित करते कहा, इसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में निवेश आकर्षित करना है। ‘देश के हर राज्य और हर जिले में काफी क्षमता है और सभी मिलकर देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पहले की तुलना में अब राज्य निवेश आकर्षित करने के लिए एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मोदी ने अपने 30 मिनट के भाषण में कहा , ‘हिमाचल में पर्यटन, फार्मा और अन्य क्षेत्रों में निवेश की काफी संभावनाएं हैं।’ उन्होंने कहा कि कारोबार करने में सुगमता के मामले में भारत शीर्ष दस प्रदर्शन करने वाले देशों में है। वर्ष 2014 से 2019 के बीच भारत की कारोबारी सुगमता रैंकिंग में 79 अंक का सुधार हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ वर्षों पहले तक सभी राज्य अपने यहां निवेश को आकर्षित करने के लिए करों में छूट देने जैसे तरीके अपनाते थे लेकिन निजी कंपनियां इस बात के इंतजार में रहती थी कि कौन सा राज्य ज्यादा रियायत देगा और इसी वजह से कोई भी कंपनी अपना कारोबार स्थापित नहीं करती थी।
उन्होंने कहा कि एक अन्य कारण बहुत अधिक सरकारी नियमों और इंस्पेक्टर राज के कारण निजी क्षेत्र की कंपनियों ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई थी लेकिन उन्होंने 2003 में वाइब्रेंट गुजरात का आयोजन कर निजी कंपनियों के लिए निवेश का माहौल तैयार किया और सरकारी नियमों कायदे कानूनों में बहुत कमी की थी। इसके बाद से सभी राज्यों में ऐसा करने की होड़ सी लग गयी।
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पीएम मोदी ने कहा कि विकास की गाड़ चार पहियों पर चलती है और इनमें समाज, सरकार, उद्योग जगत तथा ज्ञान शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा देश हित और नागरिकों के लिए लिए काम कर रही है और कल कैबिनेट की बैठक में मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ा निर्णय लिया और इससे देश के मध्यम वर्ग के साढ़े चार लाख परिवारों का अपने घर का सपना साकार हो जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब उनकी सरकार सत्ता में आई थी तो उस वक्त कारोबारी सहूलियत के क्षेत्र में आसानी में भारत का स्थान बहुत अधिक था लेकिन सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इस रैंकिंग मे 79 अंकों का सुधार कर विश्व में अपनी नयी पहचान बनाई है। रैंकिंग में सुधार होने से व्यापार के क्षेत्र में एक क्रांति आयी है।
भारत आज मजबूत है और इसका कारण इसकी मजबूत अर्थव्यवस्था है जो अभी भी पांच प्रतिशत की दर से बढ़ रही है जबकि विश्व के अनेक देशों में मंदी जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले कोई वस्तु एवं सेवा कर कानून के लागू होने के बारे मे सोच भी नहीं सकता था लेकिन उनकी सरकार ने इसे लागू कर दिखा दिया कि नेक नियत और मजबूत फैसले से सब संभव है।
इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को ही कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक प्रतिनिधि धर्मशाला पहुंच चुके हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, प्रह्लाद पटेल और अनुराग ठाकुर के साथ अन्य औद्योगिकी तथा विदेशी निवेशक इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
इंवेस्टर्स समिट ‘राइजिंग हिमाचल’ का प्रमुख उद्देश्य कृषि-व्यवसाय, खाद्य प्रसंस्करण और फसलों की कटाई के बाद की तकनीक, विनिर्माण और फार्मास्यूटिकल्स, पर्यटन, अतिथिसेवा और नागरिक उड्डयन, हाईड्रो और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने के लिए निवेशकों को आकर्षित करना है।