ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष समीर मोहंती ने श्री रत्न भंडार में रखे गए भगवान श्री जगन्नाथ के आभूषणों की सूची की तैयारी की निगरानी के लिए एक उच्चाधिकार समिति गठित करने के लिए शुक्रवार को ओडिशा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता श्री मोहंती ने अपनी याचिका में कहा कि समिति का गठन ओडिशा के राज्यपाल या उड़सा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार की निष्क्रियता और मंदिर प्रशासन द्वारा श्री जगन्नाथ मंदिर के आभूषणों और कीमती सामानों के संबंध में नवीनतम सूची तैयार नहीं करने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने श्री रत्न भंडार की आंतरिक जीर्ण-शीर्ण स्थिति और आवश्यक मरम्मत कार्य नहीं करने में सरकार और मंदिर प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर भी चिंता जताई हैं। उन्होंने आवश्यक मरम्मत कार्य करने और आंतरिक रत्न भंडार (मंदिर के खजाने) में संरक्षित देवताओं के आभूषणों की एक नई सूची बनाने के लिए रत्न भंडार खोलने के लिए सरकार को निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की है।
जनहित याचिका में ओडिशा के मुख्य सचिव, गजपति महाराज, गृह सचिव, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक, कानून सचिव, पुरी कलेक्टर, एएसआई के महानिदेशक और सीबीआई निदेशक को विपक्षी पक्षकार बनाया है। उन्होंने पुरी के पूर्व जिलाधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश की भी मांग की है। उनके कार्यकाल के दौरान रत्न भंडार की चाबी लापता थी और मामले की सीबीआई जांच की गई थी।
हाल ही में पुरी के राजा गजपति दिब्य सिंह देब ने भी सुझाव देते हुए कहा था कि रत्न भंडार में रखे आभूषणों की सूची बनाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि मंदिर प्रबंध समिति ने ओडिशा सरकार से रत्न भंडार को फिर से खोलने का अनुरोध किया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के विशेषज्ञों सहित 16 सदस्यीय टीम ने भी संरचना का निरीक्षण किया था और बताया था कि रत्न भंडार की हालत खराब है और मरम्मत की आवश्यकता है।