जल्द ही दल बदल सकते हैं टीएमसी के छह विधायक, पूर्व सांसद : भाजपा सूत्र - Punjab Kesari
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जल्द ही दल बदल सकते हैं टीएमसी के छह विधायक, पूर्व सांसद : भाजपा सूत्र

सुभ्रांग्शु रॉय को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद ‘‘पार्टी विरोधी’’ गतिविधियों के लिए टीएमसी से निलंबित कर

तृणमूल कांग्रेस के छह विधायक पार्टी के कुछ पूर्व सांसदों के साथ कुछ दिनों में दल बदल सकते हैं। भाजपा सूत्रों ने बुधवार को इस बारे में दावा किया। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘टीएमसी के छह विधायक जल्द ही हमारी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। विभिन्न नगर निगमों के कई पार्षद भी संपर्क में है। 
बस इंतजार करें और देखें।’’ नेता ने कहा कि ना केवल विधायक बल्कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ पूर्व सांसद भी पार्टी के संपर्क में हैं और उन्होंने ‘‘टीएमसी के कुशासन के खिलाफ लड़ाई’’ में भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि छह विधायकों में से चार दक्षिण बंगाल और दो उत्तर बंगाल के हैं। भाजपा नेता मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांग्शु रॉय समेत तीन विधायक और 50 से अधिक पार्षद मंगलवार को भगवा पार्टी में शामिल हो गए। इनमें से ज्यादातर पार्षद तृणमूल कांग्रेस के हैं। 
भाजपा लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने के बाद राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने पर काम कर रही है। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य में 18 लोकसभा सीटें जीतीं जबकि तृणमूल कांग्रेस ने उससे महज चार सीटें ज्यादा जीतीं। संवाददाता सम्मेलन में भाजपा में शामिल होने वाले विधायक कांग्रेस के तुषारकांति भट्टाचार्य और माकपा के देबेंद्र नाथ रॉय हैं। सुभ्रांग्शु रॉय को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद ‘‘पार्टी विरोधी’’ गतिविधियों के लिए टीएमसी से निलंबित कर दिया गया था। 
बहरहाल तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की है। टीएमसी ने एक ट्वीट किया, ‘‘तृणमूल का एक निलंबित विधायक कल भाजपा में शामिल हो गया। अन्य विधायक कांग्रेस और माकपा के हैं। पार्षदों की संख्या छह है। उनसे भी बंदूक का डर दिखाकर ऐसा करने को मजबूर किया गया।’’
 तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने मंगलवार को भाजपा पर खरीद-फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया था जिसे भाजपा ने खारिज कर दिया था। भाजपा नेता मुकुल रॉय ने कहा, ‘‘आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है।
 अगर कोई भाजपा में शामिल होना चाहता है और टीएमसी के कुशासन के खिलाफ लड़ता है तो हम कैसे इसे रोक सकते हैं। टीएमसी नेता दल-बदल के बारे में बात करने वाले आखिरी लोग होने चाहिए। जब टीएमसी ने पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस और माकपा के नेताओं के साथ खरीद-फरोख्त की तब वह क्या था? क्या यह खरीद फरोख्त नहीं थी?

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