पिछले डेढ़ महीने में तृणमूल कांग्रेस के हमलों में भाजपा के 30 से अधिक कार्यकर्ता मारे गए हैं : दिलीप घोष - Punjab Kesari
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पिछले डेढ़ महीने में तृणमूल कांग्रेस के हमलों में भाजपा के 30 से अधिक कार्यकर्ता मारे गए हैं : दिलीप घोष

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव परिणामों

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा होने के बाद से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले डेढ़ महीने में भाजपा के 30 से अधिक कार्यकर्ता मारे गये हैं।
घोष ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चक्रवात प्रभावित पीड़ितों के लिए कई लाभों से भाजपा कार्यकर्ताओं को वंचित किया गया है।उन्होंने कहा, ‘‘पिछले डेढ़ महीने में हमारे कम से कम 30-32 कार्यकर्ता मारे गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर कभी कोई चर्चा नहीं की। प्रशासन को हिंसक हमलों की परवाह नहीं है।’’ उत्तर बंगाल के लोगों के लिए अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग करने वाले भाजपा नेताओं की बनर्जी द्वारा आलोचना किये जाने के बारे में पूछे जाने पर घोष ने कहा कि वह अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ‘झूठे बयान’ दे रही हैं।
भाजपा नेता ने दावा किया, ‘‘मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करने और अपने गलत कार्यों से ध्यान हटाने के लिए झूठे और निराधार बयान दे रही हैं।’’शहर के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी की तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी से उनके आवास पर मुलाकात के बाद उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच घोष ने कहा कि वह उन लोगों के बारे में चिंतित नहीं हैं, जो स्थिति के अनुकूल होने पर पार्टी में शामिल हुए और बाद में चले गये।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘वफादार नेता अभी भी पार्टी के साथ हैं।’’मुकुल रॉय के नक्शेकदम पर चलते हुए चटर्जी की तृणमूल कांग्रेस में वापसी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर घोष ने कहा, ‘‘ये व्यक्ति किसी भी तरह से भगवा पार्टी को समृद्ध करने में विफल रहे हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कहां जाते हैं। वे हमारे संगठन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते।’’
वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए पूर्व महापौर ने इस साल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ दी थी और तब से वह सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हैं। चटर्जी ने सोमवार शाम को तृणमूल कांग्रेस के अपने पूर्व सहयोगी के आवास पर शिष्टाचार के नाते भेंट की थी। उनके साथ उनकी दोस्त बैसाखी बनर्जी भी थीं।

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