हरिद्वार : कुदरत का कहर संपूर्ण उत्तराखण्ड में आफत बनकर बरसात के रूप में बरस रहा है। इस कुदरत का कहर हरिद्वार में भी देखने को मिल रहा है। पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। वहीं, हरिद्वार में सोमवार को तीसरे दिन फिर गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के पार पहुंच गया। हरिद्वार में बरसात का दौर जारी है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक दृश्य एक जैसे हैं। भारी बारिश से लक्सर सहित अन्य गांव में दर्जनों मकानों में दरार आने से दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने तत्काल मकान खाली कर सुरक्षित ठिकानों में पनाह ली है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर चुका है। इससे हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
हरिद्वार की जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया परिस्थितियों को देखते हुए अलर्ट जारी है। अधिकारियों को तटवर्ती क्षेत्रों में कैंप करने के निर्देश दिया गए हैं। वहीं, दो दिन पूर्व हरकी पौड़ी के पास एक पहाड़ दरक गया, जिसका सारा मलबा वहां नीचे की दुकानों पर आ गिरा, जिससे दुकानदारों को नुक्सान हुआ हालांकि गनीमत रही कि कोई व्यक्ति इसकी चपेट में नहीं आया। गंगा के बढ़ते जलस्तर से लक्सर के कलसिया बांध में तटबंध का कुछ हिस्सा कटकर पानी की धारा में विलीन हो गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मत सिंचाई विभाग करा रहा है। बारिश के चलते काम प्रभावित हो रहा है। एसडीएम को हर स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया गया है।
खतरे के निशान को छू रही गंगा
नदी का पानी गन्ने और अन्य फसलों को डुबोने के लिए खेतों में प्रवेश कर गया। इससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी। तटबंधों पर आसपास के गांवों के नागरिक डेरा डाल पानी की निगरानी कर रहे हैं। बारिश के चलते शहर के भगत सिंह चौक, ऋषिकुल रेलवे पुलिया के नीचे, मेला अस्पताल के समीप पुलिया के नीचे बारिश का पानी जमा होने से आवागमन प्रभावित रहा। पंप चलाकर पानी की निकासी कराई गई। जिला आपदा कंट्रोल रूम ने बताया कि हरिद्वार में 20, रुड़की में 12, लक्सर में 12 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई।
– संजय चौहान