ओडिशा मंत्री हत्याकांड : विपक्ष ने सीएम और डीजीपी की 'चुप्पी' पर उठाए सवाल - Punjab Kesari
Girl in a jacket

ओडिशा मंत्री हत्याकांड : विपक्ष ने सीएम और डीजीपी की ‘चुप्पी’ पर उठाए सवाल

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब दास की पुलिसकर्मी द्वारा हत्या की निंदा करते हुए विपक्षी भाजपा और कांग्रेस

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब दास की पुलिसकर्मी द्वारा हत्या की निंदा करते हुए विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और डीजीपी सुनील बंसल की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया है।
मुख्यमंत्री द्वारा अपराध शाखा की जांच के आदेश को खारिज करते हुए, भाजपा ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है जबकि कांग्रेस ने उड़ीसा हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है।
ओडिशा भाजपा के अध्यक्ष समीर मोहंती ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, मंत्री दास सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, वे राज्य के एक प्रभावशाली और शक्तिशाली कैबिनेट मंत्री भी थे। यदि जब मंत्री की दिनदहाड़े हत्या की जो सकती है तो प्रदेश में आम आदमी की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 23 वर्षों से गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे नवीन बाबू इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। राज्य भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि एक कैबिनेट मंत्री की मौत हो गई, डीजीपी और गृह सचिव ने न तो झारसुगुड़ा में घटनास्थल का दौरा किया और न ही हत्या पर एक शब्द बोला।
उन्होंने आगे कहा कि लोग इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे कि राज्य पुलिस उस मामले की जांच कर रही है जिसमें एक पुलिसकर्मी ने मंत्री की हत्या की है। क्राइम ब्रांच (अपराध शाखा) जांच का आदेश देकर राज्य सरकार ने पहले ही तय कर लिया है कि इस मामले में क्या करना है। अपराध शाखा पहले भी कई मामलों को अपने हाथ में ले चुकी है। लेकिन निष्कर्ष उत्साहजनक नहीं हैं।
ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा ने कहा, हम ओडिशा सरकार की इस कहानी को स्वीकार नहीं कर सकते कि आरोपी पुलिस एएसआई गोपाल दास मानसिक रूप से अस्वस्थ था। मंत्री को मारने की साजिश रची गई थी। मिश्रा ने यह भी सवाल किया, डीजीपी इस मामले पर चुप क्यों हैं।
मिश्रा ने पूछा, हमारे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार मंत्री की मौके पर ही मौत हो गई। उसे झारसुगुड़ा से भुवनेश्वर एयरलिफ्ट करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अपराध शाखा की जांच सच्चाई को उजागर नहीं कर सकती, इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
वहीं मंत्री की हत्या के पीछे एक गहरी साजिश का आरोप लगाते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता सुदर्शन दास ने उड़ीसा हाईकोर्ट के एक सिटिंग जज की देखरेख में एक एसआईटी द्वारा जांच की मांग की। दास ने कहा, घटना को 48 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले पर डीजीपी और गृहमंत्री (मुख्यमंत्री) क्यों नहीं बोल रहे हैं?
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए, अपराध के पीछे की सच्चाई को दबाने के लिए एक साजिश रची जा रही है। मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर अपना गृह विभाग छोड़ देना चाहिए।
विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजद के वरिष्ठ विधायक देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि जैसा कि सवाल उठाया जाएगा कि क्या पुलिस उस मामले की जांच करेगी जिसमें एक पुलिस वाला आरोपी है, अपराध शाखा की जांच का आदेश दिया गया था। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने उड़ीसा उच्च न्यायालय से एक मौजूदा/सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच की निगरानी करने का अनुरोध किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, एएसआई गोपाल कृष्ण दास ने 29 जनवरी को मंत्री की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एएसआई ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से मंत्री के सीने में गोली मारी थी। एएसआई को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen − seven =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।