देहरादून : सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में राशन वितरण में पारदर्शिता के लिए लागू किए जा रहे ऑटोमेशन (कंप्यूटरीकरण) के काम में तेजी लाई जाएगी। प्रदेश में तकरीबन सात हजार दुकानों पर ऑटोमेशन के लिए लैपटॉप और बायोमेट्रिक मशीन समेत हार्डवेयर सामग्री मुहैया कराई जा चुकी है। राशन विक्रेताओं को एनआइसी के सॉफ्टवेयर पर काम शुरू करने को कहा गया है।
साथ ही प्रभारी सचिव खाद्य सुशील कुमार ने दुकानों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर पेश आ रही समस्या दूर करने के निर्देश भी जिलापूर्ति अधिकारियों को दिए हैं। उत्तराखंड में कुल 9200 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें हैं। इन दुकानों में सरकारी खाद्यान्न के कुल कोटे, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्राथमिक और अंत्योदय परिवार राशनकार्डधारकों और उन्हें दिए जाने वाले खाद्यान्न का पूरा ब्योरा ऑनलाइन किया जाना है। इसके लिए इन दुकानों को हार्डवेयर पहुंचाने का कार्य शुरू हो चुका है।
अब तक करीब सात हजार सस्ता गल्ला दुकानों को लैपटॉप, प्रिंटर, बायोमेट्रिक मशीन, प्वाइंट ऑफ सेल मशीन आदि हार्डवेयर सामग्री पहुंचाई जा चुकी है। बावजूद इसके इन दुकानों में हार्डवेयर का उपयोग नहीं हो पा रहा है। दुकानों में इंटरनेट के लिए दिए गए कनेक्शन में भी नेटवर्क की दिक्कत की शिकायतें मिली हैं। केंद्र सरकार की ओर से भी सभी दुकानों के ऑटोमेशन का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय संयुक्त सचिव एस जगन्नाथ के नेतृत्व में केंद्रीय टीम ने बीते दिनों राज्य का दौरा कर राशन की दुकानों के ऑटोमेशन की प्रगति की जानकारी ली थी।
– सुनील तलवाड़