लेकांग विधानसभा क्षेत्र में जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं गैर-आदिवासी - Punjab Kesari
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लेकांग विधानसभा क्षेत्र में जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं गैर-आदिवासी

आदिवासी को पीआरसी की सिफारिश की थी लेकिन आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार ने इस

राजनीतिक रूप से संवेदनशील अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले की लेकांग विधानसभा सीट पर गैर-आदिवासी मतदाता जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं। स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (पीआरसी) जारी करने के मुद्दे पर फरवरी में इस क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। करीब 18 हजार मतदाताओं वाली इस सीट पर चार प्रतिशत मतदाता ही मूल निवासी हैं। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने नामसाई और छांगलांग जिलों में छह गैर अरुणाचली समुदायों देवरी, मिशिंग, मोरान, सोनोवाल, कछारी, गोरखा और आदिवासी को पीआरसी की सिफारिश की थी लेकिन आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार ने इस पर आगे नहीं बढ़ने की घोषणा की।

उपमुख्यमंत्री चोवना मेन के गढ़ माने जाने वाला लेकांग बहुकोणीय मुकाबले का गवाह बनने की तैयारी में है। भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख और मजबूत उम्मीदवार ताकम संजय के खिलाफ जुममुम इते देवरी को उतारा है। इते देवरी पूर्व राज्यसभा सदस्य ओमेम मोयांग देवरी की पुत्रवधू हैं। राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही नेशनल पीपुल्स पार्टी ने इस सीट से निख खोपी को उतारा है। उधर, जनता दल यूनाइटेड ने महिला उम्मीदवार पदमेश्वरी जमोह को टिकट दिया है जबकि जनता दल (सेक्यूलर) ने ताकम पालेंग को लेकांग सीट से उतारा है। लगातार पांच बार इस सीट से चुनाव जीतने वाले उपमुख्यमंत्री इस बार चोवखाम सीट से चुनाव लड़ेंगे।

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