देहरादून : राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (एनआइवीएच) पर एक-एक कर लग रहे यौन उत्पीड़न के दाग के बीच संस्थान की निदेशक अनुराधा डालमिया ने इस्तीफा दे दिया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने इन घटनाओं के लिए खुद को नैतिक रूप से जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के प्रकरण को लेकर पांच दिन से संस्थान के छात्र-छात्रएं आंदोलन कर रहे हैं। इससे पढ़ाई का माहौल प्रभावित हो रहा है। यदि किसी अच्छे काम में निदेशक को श्रेय मिलता है तो बुरी घटनाओं की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी होगी। आखिर वह संस्थान की मुखिया हैं और यदि उनकी नाक के नीचे कुछ गलत हो रहा है तो वह खुद के दामन को साफ कैसे बता सकती हैं।
साथ ही कहा कि इस संस्थान को उन्होंने 12 साल दिए हैं और अब हालात विकट हो चुके हैं। उनकी नैतिकता इस बात की गवाही नहीं देती कि वह अब भी निदेशक बनी रह सकें। अनुराधा के मुताबिक इस्तीफे का मतलब यह भी नहीं है कि वह जिम्मेदारी से भाग रही हैं। यदि किसी भी जांच का सामना उन्हें करना पड़ा तो इसके लिए भी वह तैयार हैं। उन्होंने मंत्रालय से यह भी आग्रह किया है कि इस्तीफा स्वीकार किए जाने या नोटिस की अवधि तक उन्हें कहीं और अटैच कर दिया जाए। यदि ऐसा नहीं हो पाया तो वह अवकाश पर चली जाएंगी।
एनआईवीएच मामले की जांच शुरू
उधर दूसरी तरफ संस्थान के छात्र और छात्राओं का विरोध प्रदर्शन थम नहीं रहा है। मंगलवार सुबह सभी आंदोलित छात्रों ने मिलकर कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शन किया और संस्थान के हर डिपार्टमेंट पर ताला जड़ दिया। इसी दौरान छात्रों से मिलने राज्यमंत्री रेखा आर्य भी संस्थान पहुंचीं और बच्चों से बात की,छात्रों से बातचीत के बाद भी उन्होंने अपना प्रदर्शन खत्म नहीं किया।
मंत्री केन्द्र सरकार के समक्ष उठाएगी मामला : छात्रा-छात्राओं से बात करने के बाद मंत्री ने भी माना कि जो कुछ भी बच्चे कह रहे हैं, वो बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि वो केंद्रीय सामाजिक कार्य एवं अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत से बात करने के बाद अब छात्राओं के बीच जाएंगी। वहीं आंदोलित छात्रों का कहना है कि निदेशक ने इस्तीफा दे दिया है, इसका उनको भरोसा नहीं है, क्योंकि ऐसा पहले भी हो चुका है जब कहा गया था कि निदेशक ने त्यागपत्र दे दिया लेकिन फिर चंद दिनों के बाद उन्होंने दोबारा ज्वॉइन कर लिया था। एनआईवीएच पहुंची महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य को छात्र-छात्राओं ने बताया कि पिछले 4 साल से शिक्षक कई छात्राओं से छेड़छाड़ कर रहे हैं, वो शिकायत करती हैं लेकिन उनकी सुनी ही नहीं जाती।