मुजफ्फरपुर मामले में मंजू वर्मा को बर्खास्त करें नीतीश सरकार - तारिक - Punjab Kesari
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मुजफ्फरपुर मामले में मंजू वर्मा को बर्खास्त करें नीतीश सरकार – तारिक

राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद तारिक अनवर ने मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले को बिहार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद तारिक अनवर ने मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले को बिहार के चेहरे पर कालिख पोतने वाली घटना करार देते हुए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।

श्री अनवर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुजफ्फरपुर का मामला लोगों के रोंगटे खड़े करने वाला और बिहार के चेहरे पर कालिख पोतने वाली घटना है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कुमार से राज्य की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को अविलंब बर्खास्त करने के साथ ही इस कांड में संलिप्त उनके पति चन्द्रशेखर वर्मा को गिरफ्तार करने की मांग की।

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सांसद ने कहा कि मुजफ्फरपुर में बालिका अल्पावास गृह सरकारी अनुदान से संचालित है, इसमें रह रही बच्चियों की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने कहा कि इस घटना के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य सरकार को बच्चियों की सुरक्षा की परवाह कम और इस मामले के दोषियों के कुकृत्य को नजरअंदाज कर उन्हें संरक्षण देना का अधिक प्रिय रहा है।

राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कुछ माह पहले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांईसेस (टीआईएसएस) ने न केवल वर्षो से चल रहे इस अपराध का खुलासा किया बल्कि इसकी रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी।

उन्होंने आरोप लगाते हुये कहा कि आश्चर्य है कि जिस सरकार के अनुदान से बालिका गृह संचालित था, जिन अधिकारियों के अनुमोदन से इस आश्रय गृह को अनुदान प्राप्त होता था और जिन अधिकारियों के ऊपर ऐसे आश्रय गृहों की आवासिनों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने, निरीक्षण करने एवं इस सम्बन्ध में सरकार या कल्याण विभाग को रिर्पोट करने की जिम्मेदारी थी, किसी ने अपना काम सही ढंग से नहीं किया।

श्री अनवर ने कहा कि ऐसा लगता है कि जिले से प्रदेश स्तर के अधिकारी एवं सरकार के महत्वपूर्ण लोगों की सांठ-गांठ के तहत बिहार को शर्मसार करने वाले इस कुकृत्य को वर्षों तक बिना रोक-टोक के चलने दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो टीआईएसएस की रिपोर्ट मिलते ही सरकार हरकत में आती लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सांसद ने कहा कि लोकतंत्र मर्यादा से चलता है। ऐसी घटनाओं के प्रकाश में आते ही विभागीय मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए था या मुख्यमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए था जो अबतक नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि बड़ आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री श्री कुमार एवं इनके सहयोगी दल के प्रधान एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेटियों के सश्क्तिकरण की बात करते नहीं थकते। बेटी बचाओं, बेटी बढ़ओं की बात करते है। यहां तो बेटियों की जिन्दगी बर्बाद करने का धंधा चल रहा है, जो काफी दु:खद है।

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