देहरादून : एक पहाड़ी राज्य के लिए इससे बड़ी खुशखबरी और राहत की बात नहीं हो सकती कि एक राष्ट्रीय संस्थान अब किसी दूसरी जगह शिफ्ट नहीं होगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एनआईटी) का स्थाई कैंपस अब उत्तराखंड में ही बनेगा। जी हां, साल 2009 में जिस एनआईटी की शुरुआत श्रीनगर गढ़वाल में हुई, 10 साल बाद उस एनआईटी को अपना परमानेंट कैंपस मिलने की शुरुआत होगी।
19 अक्टूबर को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक पौड़ी जिले के सुमाड़ी गांव में एनआईटी के स्थाई कैंपस का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद रहेंगे। एनआईटी की शुरुआत साल 2009 में उस वक्त हुई थी जब मौजूदा मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद उत्तराखंड में 3 और मुख्यमंत्री बदले, जिनमें भुवन चंद्र खंडूरी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत शामिल रहे।
कोई भी सीएम एनआईटी का परमानेंट कैंपस फाइनल नहीं कर पाया। 2017 में मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे टॉप एजेंडे पर रखा, लेकिन बात फाइनल तभी हो पाई जब मई 2019 में हरिद्वार से सांसद और पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री का पद संभाला। उन्होंने फाइनल फैसला कर दिया कि श्रीनगर से एनआईटी कहीं शिफ्ट नहीं होगा और शिलान्यास सुमाड़ी गांव में ही होगा।