NIA ने वाजे के दफ्तर की तलाशी ली, अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी अर्जी खारिज की - Punjab Kesari
Girl in a jacket

NIA ने वाजे के दफ्तर की तलाशी ली, अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी अर्जी खारिज की

उद्योगपति मुंकेश अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक लदे वाहन (एसयूवी) की बरामदगी मामले की जांच कर

उद्योगपति मुंकेश अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक लदे वाहन (एसयूवी) की बरामदगी मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के दफ्तर की पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को इस आशय की जानकारी दी। 
इस बीच, एक अदालत ने वाजे की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने एजेंसी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था। 
इस मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को शहर पुलिस की अपराध शाखा के सीआईयू से संबंद्ध कर दिया गया था। शाखा का दफ्तर दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित है। 
अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीम ने वाजे के दफ्तर की तलाशी के दौरान वहां से कुछ ‘आपत्तिजनक दस्तावेज’ और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, आई-पैड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। 
उन्होंने कहा कि तलाशी सोमवार शाम करीब आठ बजे शुरू हुई और मंगलवार सुबह चार बजे तक चलती रही। 
अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने अभी तक सहायक पुलिस आयुक्त सहित अपराध शाखा के सात अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। 
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आज लगातार तीसरे दिन सीआईयू इकाई के सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की। 
गौरतलब है कि अंबानी के मकान के पास कार्मिचेल रोड पर विस्फोटक लदी एसयूवी बरामद होने के दो दिन बाद 27 फरवरी को काजी ने ठाणे जिले के साकेत इलाके में रहने वाले वाजे की हाउसिंग सोसायटी के सीसीटीवी की फुटेज ली थी। 
अधिकारी ने बताया कि इस वीडियो (डीवीआर) का जिक्र बरामद सामान की सूची में नहीं था और जांच एजेंसी को संदेह है कि यह फुटेज साक्ष्य को नष्ट करने के लिए लिया गया था जिससे वाजे मामले में फंस सकते थे। 
व्यावसायी मनसुख हिरेन की पत्नी का आरोप है कि एसयूवी का कुछ समय तक वाजे ने इस्तेमाल किया था। गौरतलब है कि हिरेन ने दावा किया था कि स्कॉर्पियो उनके पास से चोरी हुई थी। हिरेन की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई है। 
पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि काजी ने कथित रूप से फर्जी नंबर प्लेट खरीदी थी, जो एसयूवी से मिली। 
हिरन की मौत के बाद एसयूवी का मामला भी एनआईए के हाथों में आ गया है। 
वहीं रविवार को एक विशेष अदालत ने वाजे को 25 मार्च तक केन्द्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था। मंगलवार को अदालत ने गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली वाजे की अर्जी खारिज कर दी। 
वाजे के वकीलों सजल यादव और सनी पुनमिया ने दलील दी कि नियमानुसार वाजे को गिरफ्तारी के 24 घंटों के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया। 
उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 45(1) के तहत राज्य सरकार से कोई अनुमति नहीं ली गई। धारा 45(1) के तहत अगर किसी सरकारी अधिकारी को उसके ड्यूटी के तहत किए गए कार्य के लिए गिरफ्तार करना हो तो सरकार की मंजूरी लेनी होती है। 
विशेष लोक अभियोजक सुनील गोंसाल्वेस ने आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि वाजे को शनिवार की रात 11 बजकर 50 मिनट पर गिरफ्तार किया गया और अगले दिन दोपहर 2:45 पर अदालत में पेश किया गया। 
अभियोजक ने दावा किया कि वाजे को जांच से जुड़े स्पष्टीकरण के लिए सुबह बुलाया गया था लेकिन वह देर रात आये। वहीं वाजे के वकीलों ने आरोप लगाया कि उन्हें शनिवार की सुबह 11 बजे गिरफ्तार किया गया। 
एनआईए के वकील ने बताया कि सरकार से अनुमति की जरुरत नहीं थी क्योंकि वाजे ने अपनी आधिकारिक ड्यूटी के तहत यह काम नहीं किया था। 
न्यायाधीश पी. आर. सित्रे ने वाजे की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी होने के नाते उन्हें अपने अधिकार पता थे। 
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘थाने के रोजनामचे में की गई एंट्री से स्पष्ट है कि आरोपी और संबंधित थाने को सूचना दी गई थी और उनकी गिरफ्तारी की सूचना भी थी, इसका तात्पर्य है कि गिरफ्तारी का आधार बताया गया था।’’ 
अदालत ने कहा कि उन्होंने ड्यूटी के तहत ऐसा किया है या नहीं यह सुनवाई के दौरान तय किया जा सकता है। 
अदालत ने वाजे के वकील को अनुमति दी कि वह शीशे के दरवाजे के पीछे से अपने मुव्वकिल की पूछताछ देख सकते हैं, लेकिन वह उसे सुन नहीं सकते। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।