कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ बैठक के दौरान एक घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले स्कूल वर्ष से इन नियमों का उपयोग नहीं किया जाएगा। कांग्रेस शासित कर्नाटक की सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि वह अगले शैक्षणिक वर्ष से पिछली भाजपा सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति को खत्म कर देगी। पार्टी सदस्यों की आम बैठक का उद्घाटन करने के बाद केपीसीसी कार्यालय में बोलते हुए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने घोषणा की, “पिछली भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई एनईपी को अगले शैक्षणिक वर्ष से खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “एनईपी को खत्म करने से पहले कुछ आवश्यक तैयारी करनी होगी। चालू शैक्षणिक वर्ष में इसके लिए समय उपलब्ध नहीं था। चुनाव के बाद जब सरकार बनी तो शैक्षणिक वर्ष शुरू हो गया था।”
कांग्रेस राज्य में एनईपी लागू नहीं करेगी
उन्होंने कहा कि एनईपी को अचानक खत्म करने की स्थिति में छात्रों को होने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए एनईपी इस शैक्षणिक वर्ष में जारी रहेगी। सीएम सिद्दारमैया ने आरोप लगाया, एनईपी को छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और व्याख्याताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने राज्य में एनईपी को प्रयोगात्मक आधार पर लागू करके राज्य के छात्रों के हितों का बलिदान कर दिया है। सभी राज्यों में इसे लागू नहीं किया गया है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने घोषणा की थी कि कांग्रेस राज्य में एनईपी लागू नहीं करेगी।
मैं अपनी पसंद से एक शिक्षा विशेषज्ञ हूं
उन्होंने कहा था कि इसकी बजाय सरकार एक नई शिक्षा नीति बनाएगी। शिवकुमार ने नागपुर में मुख्यालय वाले आरएसएस से जोड़ते हुए एनईपी को ‘नागपुर शिक्षा नीति’ भी करार दिया था। शिवकुमार ने कहा, “एनईपी पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए थी। मैं अपनी पसंद से एक शिक्षा विशेषज्ञ हूं। मैं शिक्षा संस्थान चलाता हूं तथा विभिन्न संस्थाओं में ट्रस्टी अथवा अध्यक्ष के पद पर हूं। मैं एनईपी को समझ नहीं पा रहा हूं। मैंने दो-तीन बार अध्ययन करने और समझने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा।” शिवकुमार ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों के साथ चर्चा के बाद भी एनईपी का सार समझ में नहीं आ रहा है।