नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में सशक्त संचार माध्यम विकसित करने की आवश्यकत : CM कमलनाथ - Punjab Kesari
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नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में सशक्त संचार माध्यम विकसित करने की आवश्यकत : CM कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में नक्सलवाद को समाप्त करने के लिये नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में नक्सलवाद को समाप्त करने के लिये नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार माध्यमों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है, जिससे सूचनायें जल्द मिले और नक्सलियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई की जाएं। कमलनाथ ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुलाए गए नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की समीक्षा बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश में नक्सल समस्या को खत्म करने के सभी प्रयास किये जा रहें हैं। इस समस्या के स्थाई समाधान के लिये केन्द सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
बैठक में श्री कमलनाथ ने नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2000 में‘हॉक’बल बनाया गया था। इसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ समन्वय बनाने के निर्देश दिये गये हैं। 
पुलिस बल को आधुनिक गैजेट्स जैंसे ट्रैकर्स, जीपीएस, ड्रोन, ट्रैप कैमरा, बॉडी प्रोटेक्टिव आर्मरेस और जंगल रिस्ट वाहनों से लैस किया गया हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष खुफिया शाखा बनाई गई है। कमलनाथ ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार नेटवर्क, पुलिस वायरलेस पर बहुत अधिक निर्भर है। आदिवासी ब्लॉक में केवल 50 प्रतिशत टू-जी कनेक्टिविटी है। इसे फोर-जी कनेक्टिविटी में बदलने की जरूरत है। 
उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीवाई) के तहत डीएमजी को बालाघाट में दो सड़कों और एक पुल तथा मंडला जिलों में दो सड़कों और तीन पुलों के निर्माण के लिए 33.74 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया। उन्होंने बालाघाट (बिरसा) के एक ब्लॉक और मंडला (मैनपुर, बीजाडांडी, मवई और मोहगांव) के एक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) स्थापित करने के लिए वर्ष 2019-20 के लिए धनराशि को जल्द मंजूरी देने का अनुरोध किया। 
मुख्यमंत्री ने नागरिकों के वित्तीय समावेशन की आवश्यकता बताते हुये कहा कि वर्तमान में बालाघाट और मंडला में प्रति लाख आबादी पर 6.6 बैंक शाखाएं हैं, जबकि राज्य में औसत बैंक ब्रांच की संख्या 10.58 है। प्रति बैंक शाखा का क्षेत्रफल लगभग 102.5 वर्ग किमी है। राज्य का औसत 49 वर्ग किमी है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 16 अगस्त से 15 सितंबर तक राज्य के 89 आदिवासी ब्लॉकों में वित्तीय साक्षरता अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत लगभग 30 वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किए जाएंगे। 
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्राप्त 6.26 लाख पट्टा दावा आवेदनों में से 2.66 लाख मामलों में अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में 3.6 लाख खारिज किए गए दावों के व्यापक, पारदर्शी और त्वरित निपटान के लिए‘वन मित्र’पोर्टल शुरू किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव एस। आर। मोहंती, पुलिस महानिदेशक वी.के. सिंह और एडीजी पुलिस जी.पी. सिंह उपस्थित थे।

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