राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को विदर्भ मुस्लिम इंटेलेक्चुअल्स फोरम की ओर से आयोजित ‘भारतीय मुसलमानों के सामने मुद्दे’ विषयक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच यह भावना है कि जनसंख्या में एक बड़ी भागीदारी होने के बावजूद उन्हें उनका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है, जो वाकई में एक सच्चाई है और इसपर चर्चा होनी चाहिए कि उन्हें उनका उचित हिस्सा कैसे मिल पाए।
राज्य की मुख्य भाषा पर करना है विचार
सरकारी भर्ती परीक्षाओं में ऊर्दू के उपयोग की मांग संबंधी एक पूर्व वक्ता के बयान पर पवार ने इस भाषा की सराहना की और कहा कि कई लोग पीढ़ियों से इससे जुड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें ऊर्दू विद्यालय एवं शिक्षा पर विचार करना चाहिए, लेकिन ऊर्दू के साथ ही, हमें राज्य की मुख्य भाषा पर विचार करना है।’’ इस संदर्भ में उन्होंने केरल की स्थिति का उदाहरण दिया।
पवार ने कहा कि केरल में अल्पसंख्यकों की एक बड़ी आबादी है और सभी को इस बात के लिए अध्ययन करने की जरूरत है कि सर्वाधिक साक्षरता दर वाले इस राज्य में कैसे अल्पसंख्यक मुख्य भाषा का साथ दे रहे हैं और उन्हें इससे क्या फायदे मिल रहे हैं।
अल्पसंख्यकों को समुचित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास
NCP प्रमुख ने कहा कि देश में बेरोजगारी सभी समुदायों में एक मुद्दा है, लेकिन इस मोर्चे पर अल्पसंख्यकों की शिकायत वाकई असली है और उसपर गौर करने की आवश्यकता है। पवार ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अल्पसंख्यकों को समुचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है और फिलहाल उसके 8 सांसदों में 2 मुसलमान हैं।