रामजन्म भूमि निर्माण समिति के मुख्य पक्षकार और निर्वाणी अखाड़ के महंत धर्मदास ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की सुनवाई मामले में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सुनवाई से बाहर रखा जाए।
महंत धर्मदास ने गुरूवार को गंगा पार झूंसी क्षेत्र में स्थापित शिविर में तीनो अनी अखाड़ की संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण मामले की सुनवाई मामले में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस मामले से दूर रखा जाए क्योंकि उन्हें उनसे न्याय की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर मामले में कल न्यायालय में सुनवाई होने वाली है।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राम मंदिर मामले की सुनवाई प्रतिदिन करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा मुख्य न्यायाधीश की इस मामले में कोई भागीदारी नहीं होनी चाहिए तथा अलग बेंच बनाकर प्रतिदिन सुनवाई की जाए जिससे शीघ, आए।
महंत ने कहा,‘‘राम मंदिर का मुद्दा प्रॉपर्टी का विवाद है और इस मामले में केंद्र सरकार कानून नहीं ला सकती है। राम मंदिर का निर्माण कानून के जरिए संभव ही नहीं है। मंदिर का विवादित मुद्दा उच्च्तम न्यायालय में विचाराधीन है इस वजह से इस मामले में केंद्र सरकार कानून नहीं ला सकती।
‘‘मै रामजन्म भूमि निर्माण समिति के मुख्य पक्षकार हूं और वर्ष 1949 में बाबा अभिराम दास जी द्वारा जो भगवान श्रीराम की मूर्ति अयोध्या में रखी गयी है, उस मूर्ति का मुख्य पक्षकार हूं।’’ समिति के पक्षकार ने कहा है कि न्यायालय ने अयोध्या में राम मंदिर विवाद को संपत्ति का विवाद घोषित कर दिया है और भगवान श्रीराम वहां विराजमान हैं, इसलिए वह संपत्ति भगवान राम की है।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और कांग्रेस राजनीतिक पार्टिंयों के नेताओं से मांग की है कि वह मुख्य न्यायाधीश को श्रीराम मंदिर मामले से हटाकर उच्चतम न्यायालय में प्रतिदिन सुनवाई की जाए, ताकि जल्द राम मंदिर मामले में निर्णय आ सके। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में राम मंदिर को लेकर कई प्रकार के ‘स्लोगन’ लिखे हुए हैं, वह लोग अपना प्रचार कर रहे हैं। राम मंदिर से उनका कोई लेना देना नहीं है। तीनो अनी अखाड़ श्री पंच निर्माही अनी अखाड़, श्री पंच निर्वाणी अनी और श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ के श्री महंत राजेन्द, दास, महंत धर्मदास और महंत राम किशोर दास जी ने धर्म ध्वजा स्थापना और नगर प्रवेश की जानकारी दी।