भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को कहा कि माकपा और कांग्रेस ‘‘वैचारिक रूप से भ्रमित’’ हैं क्योंकि एक ओर जहां केरल में ये दल एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहें हैं तो वहीं पश्चिम बंगाल में दोनों दलों ने हाल मिलाया हुआ है। नड्डा ने कहा, ‘‘यह देखना दिलचस्प है कि इस वक्त पश्चिम बंगाल में चुनाव हो रहे हैं। दोनों पार्टियां वैचारिक रूप से कितनी भ्रमित हो गई हैं। यहां कांग्रेस और माकपा एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रही हैं और पश्चिम बंगाल में माकपा और कांग्रेस भाजपा के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रहीं हैं।’’
Sharing glimpses of the roadshow at Chakkarakkal, Kerala.
People are fed up with the corruption of LDF Govt. My gratitude to the people of the state for showing their faith & support in huge numbers for BJP. pic.twitter.com/LDYIKlwXHj
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) March 27, 2021
नड्डा ने पार्टी के उम्मीदवार सी के पद्मनाभन के पक्ष में एक रोड शो में यह बात कही। चक्काराक्कल धर्मादम विधानसभा क्षेत्र में आता है जहां से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष ने सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर कहा कि सत्तारूढ़ माकपा और मुख्यमंत्री ने आंदोलन को ‘‘कुचलने का प्रयास किया’’ वहीं कांग्रेस वर्षों से केवल ‘बातें’ ही करती रही।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 2018 में उच्चतम न्यायालय के उस फैसले को लागू करने का निर्णय लिया था, जिसमें सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी, इसके बाद राज्य में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। भाजपा नेता ने केरल के बहुचर्चित सोना तस्करी मामले में भी विजयन पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यालय भी इसमें शामिल था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री का कार्यालय भी सोना तस्करी मामले में शामिल है। जांच चल रही है। उन्होंने (विजयन) केन्द्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की, लेकिन जब जांच उनके कार्यालय तक पहुंची तो वे कह रहे हैं कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार पर हमला कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि 2011 में जब सबरीमला में भगदड़ में 106 लोग मारे गए थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य की यात्रा करने की भी जहमत नहीं उठाई थी। वहीं नड्डा ने परावूर में अप्रैल, 2016 में पटाखों में विस्फोट होने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घटना के कुछ घंटे बाद पुत्तिंगल मंदिर परिसर में पहुंचे थे। इस घटना में 114 लोग मारे गए थे और 300 लोग घायल हो गए थे।