राजनीति में कब क्या हो जाए ये कोई नहीं जानता इसी तरह आजकल महाराष्ट्र की राजनीति में हो रहा है यहां शिवेसना एनसीपी को लेकर बगावत की खबरे चलती रहती है बीते दिनों खबर आ रही थी की शरद पवार तो एनडीए में शामिल होने का आफर मिला है इसके बाद अब खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ब्लैकमेल किया गया था ।
मंत्री बनने के लिए किया ब्लैकमेल
दरअसल दावा किया जा रहा है कि कई विधायकों ने मंत्री बनने के लिए सीएम शिंदे को कई तरह से ब्लैकमेल किया है।इस मामले को लेकर शिवसेना विधायक ने भी दावा किया है। वहीं रायगढ़ से सेना विधायक भरत गोगावले ने कहा है कि कई विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनने के लिए एकनाथ शिंदे को ब्लैकमेल किया था। कई विधायक सीएम के सामने आजीब-गरीब कारणों का हवाला देते हुए राज्य कैबिनेट में शामिल हो गए।
मंत्री नहीं बनाएंगे तो राजनीति खत्म कर देंगे
रायगढ़ में एक कार्यक्रम में बुधवार को गोगावले ने कहा कि एक विधायक ने मुख्यमंत्री को ‘इमोशनली ब्लैकमेल’ करते हुए कहा था कि अगर उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो उनकी पत्नी आत्महत्या कर लेंगी। उन्होंने दावा किया कि कोंकण क्षेत्र के एक विधायक ने कहा था कि अगर उन्हें मंत्री पद नहीं मिला तो केंद्रीय मंत्री नारायण राणे उनकी राजनीति ‘खत्म’ कर देंगे। तीसरे विधायक ने कहा था कि अगर उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया तो वे विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।
ब्लैकमेल करने वाले विधायकों की वजह से शिंदे सीएम बने
गोगावले ने ये भी कहा कि शिंदे ‘इमोशनली ब्लैकमेल’ करने वाले विधायकों की वजह से ही मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने बताया कि मैं जून 2022 से मंत्री बनने के लिए वेटिंग लिस्ट में हूं। बता दें कि इसी दौरान शिवसेना के करीब 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे से खिलाफ विद्रोह कर एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया था।
2 जुलाई को हुआ था कैबिनेट विस्तार
आपको बता दें शिंदे सरकार ने 2 जुलाई को कैबिनेट विस्तार किया गया था। इस दौरान अजीत पवार के नेतृत्व में उनके 9 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। अजीत पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया था, जबकि अन्य आठ विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली थी।
अजीत पवार के शामिल होने से विधायक नाराज
बता दे मंत्री बनने को लेकर शिवसेना गुट के कई विधायक अजीत पवार के शामिल होने से नाराज थे क्योंकी वो जानते थे की अजीत पवार के आते ही शिंदे गुट के विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा। यही बात 2 जुलाई को सही साबित हुई जब कैबिनेट का विस्तार करते हुए शिंदे ने अजीत पवार समेत 9 विधायकों को मंत्री बनाया था। इतना सब होने के बाद शिंदे के गुट के विधायक मंत्री बनने के लिए ब्लैकमेल कर रहे है।