हरिद्वार, संजय (पंजाब केसरी): नगर निगम प्रशासन के शहर को स्वच्छ रखने के सारे जतन असफल साबित हो रहे हैं, लेकिन निगम कर्मी शहर में पन्नियों के खूब चालान कर रहे हैं, उन्हें शहर में जगह-जगह व्याप्त गंदगी नजर नहीं आ रही है। वहीं खुद नगर निगम के एमएनए दयानंद सरस्वती हरिद्वार शहर को कूड़ा मुक्त किए जाने के अपने ही वायदे को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विश्वप्रसिद्घ शहर हरिद्वार के सफाई के लिए किए गए तमाम कोशिश भी परवान चढ़ते नजर नहीं आ रहे। शहर का कोई इलाका नहीं जहां कूड़े के ढेर नजर न आते हों। नई व्यवस्थाएं शुरू करने के लिए पैसा भी पानी की तरफ से बहा जा रहा है। इसके बाद भी धरातल हालत जस की तस हैं। जगह-जगह श्रद्घालुओं से लेकर आमजन को कूड़े के ढेरों के बीचों से होकर गुजरना पड़ रहा है। घर-घर से कूड़ा उठाने के दावों पर सवाल वहीं, नगर निगम का दावा है की डोर टु डोर अभियान से कूड़ा निस्तारण में काफी मदद मिल रही है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि जब निगम को डोर टु डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था में सफलता मिल रही है तो फिर बाजारों में कूड़ा कैसे पहुंच रहा है। इससे निगम प्रशासन के सारे दावों की हकीकत में सच्चाई सामने आ रही है। विश्व प्रसिद्ध धर्मनगरी हरिद्वार में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्म लाभ लेने के लिए पहुंचते हैं। रेलवे स्टेशन और बस अड्डे से उतरते ही गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालु हरकी पैड़ी की तरफ रुख करते हैं। इस क्षेत्र में हरकी पैड़ी, बड़ा बाजार, अपर रोड, मोती बाजार, कुशाघाट, छोटी सब्जी मंडी, बड़ी सब्जी मंडी आदि सभी मुख्य बाजार पड़ते हैं। नगर निगम के हरकी पैड़ी वार्ड नंबर 7, कुशाघाट वार्ड नंबर 8, शिवमूर्ति का वार्ड 11 ऐसा है, जिसमें बाहर से आने वाले श्रद्घालु का जमावड़ा रहता है। भीड़ वाले बाजारों और वार्डों में निगम प्रशासन की ओर से साफ-सफाई के लिए की जा रही व्यवस्था कम पड़ रही हैं। इस कारण बाजार और वार्डों की गलियों और मुख्य सड़कों की स्थिति सफाई के मामले में बेहद खराब रहती है। विष्णु घाट के समीप डंपिंग जोन तो बना दिया गया है। जिस पर शाम से ही घर, दुकान, ढाबे आदि का कूड़ा गिरना शुरू हो जाता है। उसे समय से नहीं उठाया जाता है।
नगर निगम हरिद्वार, प्रशासन और श्री गंगा सभा गंगा घाटों पर साफ सफाई के जो दावे करते हैं, वो हरकी पैड़ी पर ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे में अन्य घाटों की बात करना तो बेमानी होगा। हरकी पैड़ी। पर पौराणिक ब्रह्मकुंड के आसपास भले ही स्वच्छता देखने को मिल जाए, लेकिन अन्य हिस्सों का हाल बड़ा खराब है। तीर्थयात्रियों की मानें तो मालवीय घाट पर गंदगी का अंबार तक लगा हुआ है। तीर्थयात्रियों के मुताबिक कई जगहों पर से काफी बदबू आ रही है। लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। ब्रह्मकुंड के सामने स्थित घंटाघर के आसपास यात्रियों का चलना दुर्गंध के कारण दूर भर हो गया है। इन स्थितियों को देखने के बाद तो यही कह सकते हैं कि गंगाघाटों की सफाई भगवान भरोसे हैं। हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर रोजाना श्रद्धालु गंगा स्नान करने आते हैं। स्नान के बाद पुराने कपड़े, बैठने के लिए खरीदी पालीथिन और अपने झूठे डिस्पोजल फेंक देते हैं। घाटों के आसपास डस्टबिन लगे हैं, लेकिन डस्टविन नियमित खाली नहीं होते हैं। कहीं डस्टबिन से बाहर कड़ा गिरता है तो कहीं उसके आसपास ढेर लगा रहता है, जिसने जिम्मेदारों की पोल खोलकर रख दी है। हरिद्वार रेलवे रोड़ पर पिछले तीन दिनों से पड़ा कूड़ा खोल रहा निगम की पोल।