मध्यप्रदेश में इस साल के अंतिम में विधानसभा चुनाव होने है,ऐसे में राजनीतिक दलो में आरोप – प्रत्यारोप जारी है। मौजूदा सरकार पर विपक्ष हमलावर है। विपक्ष सरकार के किए गए कार्यो में खामी निकलने में वयस्थ है।मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्य में पुलिस कर्मियों को सोमवार से दी जाने वाली साप्ताहिक छुट्टी की सुविधा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कटाक्ष किया है और इसे चुनावी कदम बताया है।
पुलिसकर्मियों से यह अधिकार छीन लिया
उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि आज से प्रदेश में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की सुविधा फिर से शुरू की जा रही है। मैंने जनवरी 2019 में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था। लेकिन जैसे ही शिवराज सरकार बनी, पुलिसकर्मियों से यह अधिकार छीन लिया गया, ”नाथ ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा।
मुझे खुशी है कि आज से मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों को फिर से साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था शुरू की जा रही है। मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था। लेकिन शिवराज सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था।…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 7, 2023
18 साल तक पुलिस के साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं
उन्होंने आगे लिखा, ”मैं यह बात इसलिए याद दिला रहा हूं क्योंकि मंशा को समझना जरूरी है. एक तरफ कांग्रेस है जिसने प्रदेश में सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया। दूसरी तरफ बीजेपी है, जिसे 18 साल तक पुलिस के साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई, बल्कि उन्होंने (बीजेपी) पुलिसकर्मियों के अधिकार छीन लिए।
शिवराज सरकार अन्याय का प्रायश्चित करना चाह रही
‘साप्ताहिक अवकाश की सुविधा बहाल कर शिवराज सरकार पुलिसकर्मियों के साथ हुए अन्याय का प्रायश्चित करना चाह रही है। अगर यह प्रायश्चित सच्चे मन से किया होता तो कुछ बात होती, लेकिन पुलिसकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह एक अन्याय है। मामा की चुनावी चाल (सीएम चौहान का जिक्र करते हुए), नाथ ने अपने ट्वीट में जोड़ा।