महाकाल की नगरी उज्जैन शहर में एक अनोखी शादी देखने को मिली। जहां मेहमान कम और व्हीलचेयर पर बैठे नन्हे दिव्यांग, निशक्त व अनाथ बच्चे अधिक थे। दरअसल शादी में दोनों परिवार ने आपसी सहमति से ये निर्णय लिया था कि समाज मे बदलाव के लिए ऐसे बच्चों को आमंत्रित किया जाए जो इन खुशियों से कोसो दूर हैं। ऐसे बच्चों को कुछ पल की खुशियां दी जाएं। ऐसे में करीब 50 से अधिक बच्चों को सेवाधाम आश्रम से परिवार ने सेवा धाम आश्रम के संचालक संग आमंत्रित किया और उन्हें अपने हाथों से भोजन करवाया।
व्हील चेयर पर बैठे इन बच्चों को देख वहां मौजूद मेहमानों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। वहीं कपल ने वापसी में इन बच्चों को रिटर्न गिफ्ट में 5100 रुपए भी दिए।
खूब एंज्वॉय की शादी
इंदौर के कमलेश अग्रवाल के पुत्र अमन और इंदौर के ही व्यवसाई घनश्याम मेडतवाल की सुपुत्री अवनी का विवाह उज्जैन में संपन्न हुआ। इंदौर में बढ़ते हुए कोरोना मामलों को देखते हुए शादी का वेन्यू उज्जैन रखा गया था। दोनों परिवारों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सिर्फ 50 मेहमानों को आमंत्रित किया। वहीं दोनों परिवारों ने अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम जाकर इतने ही दिव्यांगों को विवाह का निमंत्रण दिया। शादी में पहुंचे इन खास मेहमानों ने दूल्हा-दुल्हन को उपहार भी दिए। वहीं करीब 3 घंटे तक मेहमानों के बीच रहकर शादी एंज्वॉय की।
दूल्हा-दुल्हन ने जताई खुशी
गौरतलब है कि दूल्हे के दादा डॉ. राजेंद्र अग्रवाल इंदौर के जाने-माने चाइल्ड स्पेशलिस्ट हैं। उन्होंने कहाकि अपने जीवन में सैकड़ों विवाह में शामिल हुआ। लेकिन विवाह के रिसेप्शन में इस तरह का दृश्य उन्होंने पहली बार देखा। दुल्हन अवनी बोली कि उसे बहुत अच्छा लगा, दूल्हा बने अमन ने कहा कि सेवाधाम आश्रम से जितने भी बच्चे आए बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहाकि हमने बच्चों के साथ एंज्वॉय किया। साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि इन बच्चों से आगे भी मिलता रहूंगा। सेवाधाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल ने कहां की यह गौरव की बात है कि विवाह समारोह में दिव्यांग बच्चों को भी बुलाया गया।