मध्य प्रदेश में चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और डॉ गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल के नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया है। बता दें कि गोविंद सिंह सात बार विधायक रहे हैं, साथ ही लंबे समय से पार्टी में उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग उठ रही थी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव मुकुल वासनिक के हस्ताक्षर से आज डॉ. गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के आदेश जारी किए।
मंजूर हुआ कमलनाथ का इस्तीफा, अब यह होंगे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 28 अप्रैल को कमलनाथ को लिखे पत्र में कहा, “आपको सूचित किया जाता है कि माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष के पद से आपका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। पार्टी सीएलपी नेता, मध्य प्रदेश के रूप में आपके योगदान की तहे दिल से सराहना करती है।” उन्होंने कहा, “माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने डॉ गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।” गोविंद सिंह मध्य प्रदेश के लहार निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में होने वाले हैं।
कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का हुआ था फैसला
बता दें कि कांग्रेस की राज्य इकाई ने हाल ही में एक बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया था कि पार्टी कमलनाथ के नेतृत्व में मप्र विधानसभा चुनाव लड़ेगी, कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने 4 अप्रैल को भोपाल में कमलनाथ के आवास पर एक बैठक के बाद कहा था कि “पार्टी ने आम सहमति से फैसला किया है कि 2023 विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।” बताते चलें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के बाद से कमलनाथ कांग्रेस की राज्य इकाई का नेतृत्व कर रहे थे। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने वाले 22 विधायकों के बाहर होने के साथ कांग्रेस सरकार द्वारा बहुमत खोने के बाद मार्च 2020 में कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।