सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई जुलाई के लिए स्थगित कर दी, जो 23 फरवरी, 2022 से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में हैं। जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि इस बीच हाईकोर्ट इस मामले को उठाने के लिए स्वतंत्र होगा। मलिक ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत अर्जी छह जून तक के लिए स्थगित करने से खफा होकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
वकील ने मलिक की बिमारी को लेकर मांगी थी जमानत
मलिक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से यह निर्दिष्ट करने का आग्रह किया कि मामले की सुनवाई अगले सप्ताह उच्च न्यायालय द्वारा की जाए, हालांकि, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए कोई तारीख निर्दिष्ट नहीं की। सिब्बल ने पहले पीठ को बताया था कि मलिक गुर्दे की विफलता से पीड़ित हैं।
दाऊद इब्राहिम की बहन की मदद से संपत्ति हड़प का आरोप
ट्रायल कोर्ट द्वारा 30 नवंबर, 2022 को उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद मलिक ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फरवरी 2022 में मलिक को यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया कि उसने 1999-2006 के बीच दाऊद इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर की मदद से कुर्ला में एक संपत्ति हड़प ली। ईडी ने आरोप लगाया कि चूंकि पारकर ने दाऊद के अवैध कारोबार को संभाला था, इसलिए पैसे का इस्तेमाल अंततः आतंकी फंडिंग के लिए किया गया था।