3 महीने पहले ही कांग्रेस के राजनीतिक सफर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला था । जी हां हम उसी बदलाव की बात कर रहे हैं जब कांग्रेस ने कर्नाटक में बीजेपी सरकार को हराकर अपनी सरकार बना ली और अपने बिगड़ते हालातों को फिर से पटरी पर ले आई। कांग्रेस की कर्नाटक में प्रचंड जीत गई थी कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बने अभी पूरे 3 महीने भी नहीं हुए यहां के विधायक अपनी ही सरकार को नराज़गी दिखाई है । हाल ही में राज्य के उपमुख्यमंत्री इस बात का खंडन किया है कि कांग्रेस सरकार राज्य में कोई भी विकास कार्य नहीं कर पाएगी क्योंकि चुनावी गारंटी को निभाने में सारे रकम खर्च हो गए । कांग्रेस की विधायकों इस नाराजगी को लेकर कर्नाटक सरकार यानी CM सिद्धारमैया के साथ विधायकों ने बैठक की है । बता दें कि डीके शिवकुमार ने कहा है कि सरकार इस बार इसलिए विकास कार्य ज़्यादा नहीं कर पाएगी, क्योंकि सरकार को चुनाव में किए गए वादों को लागू करना होगा ।
कर्नाटक में नहीं बचे पैसे!
कर्नाटक के 11 कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार के दिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत ही लिखी है । विधायकों ने 20 मंत्रियों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम करवाने के लिए पत्र भेजा है । लेकिन उन मंत्रियों का अभी तक विधायकों के पास कोई भी जवाब नहीं आया । इस पत्र के जरिए विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धन का आवंटन ना होने पर दावा किया है, साथ ही अपनी नाराजगी व्यक्त की है। बता दें कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को 11 विधायकों ने शिकायत पत्र लिखा था जिसको उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने फर्जी बताया है । उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार के पास नहीं विकास परियोजनाओं के लिए कोई पैसा नहीं है क्योंकि सरकार ने चुनावों के वक्त किए गए वादों को पूरा करने के लिए अलग धनराशि रखी है । उन्होंने मुख्यमंत्री के पास भेजे गए पत्र को फर्जी बताते हुए कहा, कि विधायकों को स्थिति के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी उन्होंने विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी है।
विधायकों को कहा धैर्य रखें
डीके शिवकुमार ने विधायकों को फंड का इंतजार करने के लिए कहा है, क्योंकि चुनावों में किए गए वादों को पूरा करने के लिए बहुत ही ज्यादा खर्च होने वाला है उन्होंने बताया कि 11 विधायकों के द्वारा लिखे गए पत्र फर्जी हैं । क्योंकि कोई भी रेंडम लेटर पैड का इस्तेमाल नहीं कर सकता और इस तरह के शब्दों का उपयोग भी नहीं कर सकता । डीके शिवकुमार ने कहा है की पिछली भाजपा सरकार ने राज्य को दिवालिया बना दिया अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी गलतियों को सुधारें और अपनी चुनावी गारंटियों के लिए धन की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने चुनावी वादों के लिए प्रति वर्ष लगभग 59000 करोड़ रुपए अलग अलग रखे हैं। CM सिद्धारमैया के साथ हुई बैठक में विधायकों ने और मंत्रियों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए साथ ही अपनी अपनी स्थिति भी बताई।