एक विदेशी यात्री ने कहा भारत में दूध की नदिया बहती है। जिसका श्रेय भारत के गावो को भी जाता है जहा पशुपालन अधिक होता है।जिनकी वजह से सभी को दूध भी मिलता है। ग्रामीण क्षेत्रो से शहरो तक पैकेट में दूध पहुंचने के लिए दूध पलांट की अहम भूमिका रही है। हिमाचल में 1 लाख लीटर से 3 लीटर दूध की क्षमता वाला प्लांट लगाने के लिए हिमाचल सरकार राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ सहयोग करेगी। जिसकी लागत लगभग 250 करोड़ रूपये की होगी। जहा से उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे।
प्रतिज्ञापत्र’ में गाय का दूध 10 रुपये में खरीदने का वादा
एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य सरकार इस पलांट के चलाने से लेकर प्रचार तक में एनडीडीबी से मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, डगवार संयंत्र की क्षमता एक लाख लीटर से तीन लाख लीटर तक होगी, जिसमें दूध के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के ‘प्रतिज्ञापत्र’ में गाय का दूध 10 रुपये में खरीदने का वादा किया है। किसानों से 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर और राज्य सरकार इस वादे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में डेयरी आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कमेटिड है।
एनडीडीबी संयंत्र के संचालन के लिए दो सलाहकार भी मुहैया
एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि वह इस मिशन के लिए हिमाचल को हर संभव सहायता मुहैया कराएंगे। एनडीडीबी संयंत्र के संचालन और दुग्ध उत्पादों के प्रचार के लिए अपने खर्चे पर दो सलाहकार भी मुहैया कराएगा। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार और आशीष बुटेल, अध्यक्ष एच.पी. बैठक में मिल्कफेड फेडरेशन निहाल चंद शर्मा, प्रमुख सलाहकार राम सुभग सिंह, सचिव कृषि राकेश कंवर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.