सड़क से लेकर संसद तक मणिपुर हिंसा की चर्चा जोरो पर है। कथिक वीडियो के वायरल होने के बाद चाय की दुकान से लेकर ऑफिस की लंच टेबल तक मणिपुर हिंसा पुरे देश में चर्चा का मुख्य विषय बनी हुई है।अब सरकार की भूमिका को लेकर हर किसी व्यक्ति की अपनी अलग- अलग राय है। बरहाल ऐसे में पक्ष -विपक्ष एक- दूसरे पर इस मुद्दे को लेकर देश के संसद में आरोप – प्रत्यारोप दाग रहे है। एक ओर मौजूदा सरकार चर्चा को लेकर तैयार है तो वही दूसरी ओर विपक्ष के हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही ठप हो जाती है।
केंद्र सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर करेगा
सूत्रों की माने तो गृह मंत्रालय (एमएचए) मणिपुर वायरल वीडियो मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सौपेंगा । मणिपुर के 26 सेकंड के एक वीडियो ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है, जहां भीड़ ने दो महिलाओं को नग्न किया, उनके साथ मारपीट की और उनकी परेड कराई। केंद्र सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर करेगा जिसमें वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर के बाहर कराने का अनुरोध किया जाएगा। यह घटना कथित तौर पर मणिपुर में जातीय संघर्ष भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई थी। इसका एक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और मुख्य आरोपी समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
जिस मोबाइल से वीडिओ शूट हुआ वो बरामद किया
सूत्र ने आगे कहा कि जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में मैतेई समुदाय के लोगों को शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी।