मणिपुर हालही में कुछ दिनों पहले हिंसा की आग में बुरी तरह जल रहा था। कुकी और मैतई समुदायों के बीच हिंसा इतनी बढ़ गई थी कि पिछले कुछ दिनों मे इंसानियत कभी सभी हदें पार हो गई है। बता दें ऐसे ही खबर सामने आ रही है कि जिले के इरोइसेम्बा में करीब दो हजार लोगों की भीड़ ने चार जून को पुलिस की सुरक्षा में जा रही इस एंबुलेंस पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया था।
बच्चे को मां संग जलाए जाने का मामला है काफी दर्दनाक
इतना ही नहीं ड्राइवर और नर्स को भीड़ ने जाने दिया, जबकि हवा में गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों को भी मजबूरन पीछे हटना पड़ा था।अधिकारियों ने कहा कि भीड़ ने लड़के की मां और उसकी चाची द्वारा उन्हें जाने देने की बार-बार की गई गुहार पर भी कोई तरस नहीं खाया और तीनों को एंबुलेंस में ही बंद कर आग लगा दी थी। लड़के की मां मैतेई समुदाय से थी, जबकि उसके पिता कुकी समुदाय से।मैतेई माता-पिता की संतान सात वर्षीय लड़के को उसकी मां और चाची के साथ जिंदा जलाए जाने के मामले की जांच भी मणिपुर पुलिस द्वारा सीबीआई को सौंप दी गई है। इसी के साथ हिंसाग्रस्त मणिपुर में 20 मामलों की जांच अब सीबीआई के पास है।सूत्रों के मुताबिक एक राहत शिविर में परिजनों संग रह रहे टोंसिंग हैंगसिंग के सिर में गोली लगने के बाद उसकी मां मीना हैंगसिंग और चाची लाडिया लौरेम्बम उसे एंबुलेंस से राजधानी इंफाल के अस्पताल में ले जा रही थीं।