Politics: मणिपुर विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, कांग्रेस की मानसून सत्र 5 दिन करने की मांग - Punjab Kesari
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Politics: मणिपुर विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, कांग्रेस की मानसून सत्र 5 दिन करने की मांग

मणिपुर विधानसभा के बहुप्रतीक्षित एक दिवसीय सत्र को अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह ने कार्यवाही शुरू होने के एक

मणिपुर विधानसभा के बहुप्रतीक्षित एक दिवसीय सत्र को अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह ने कार्यवाही शुरू होने के एक घंटे के भीतर अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल, कांग्रेस विधायकों ने सत्र को कम से कम 5 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग करते हुए सदन में हंगामा किया। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगति कर दिया। अपने विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सदन को बताया कि राज्य में 3 मई से हो रही जातीय हिंसा पर चर्चा करने के लिए एक दिन पर्याप्त नहीं है। इस एक दिन के सत्र में भी सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी गई।
विधानसभा में श्रद्धांजलि की औपचारिकता के तुरंत बाद कांग्रेस विधायकों ने ‘राज्य में लोकतंत्र की हत्या हो रही है, लोकतंत्र का मजाक उड़ाना बंद करो, आओ लोकतंत्र बचाएं’ जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए और मांग की कि सदन एक दिन के लिए नहीं, बल्कि पांच दिन के लिए चलना चाहिए। कांग्रेस विधायक अध्यक्ष से अनुरोध करते हुए अपनी मांगों पर अड़े रहे। सदन दोबारा शुरू होने के बाद विपक्षी विधायकों ने फिर अपनी मांग दोहराई। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कहा कि हंगामे के बीच सत्र जारी रखना संभव नहीं है, इसलिए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है।
अपनी पिछली घोषणा के अनुसार, सात भाजपा विधायकों सहित सभी 10 कुकी-ज़ो आदिवासी विधायक सदन से अनुपस्थित थे। 10 विधायक अन्य आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं। सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद, पिछले 120 दिनों से गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी के बीच जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने संबोधन में कहा था कि बड़े दुख और भारी मन के साथ, यह सदन मणिपुर राज्य में हाल की हिंसा में कई लोगों की दुखद हानि पर शोक व्यक्त करता है। परिवारों, समुदायों और पूरे राज्य पर आए दर्द और दुःख की गहराई को व्यक्त करने के लिए शब्द अपर्याप्त प्रतीत होते हैं।
सदन सर्वसम्मति से जाति, समुदाय, क्षेत्र, धर्म या भाषा की परवाह किए बिना मणिपुर के सभी लोगों की एकता और सद्भाव के लिए काम करने का संकल्प लेता है। सदन का यह भी संकल्प है कि चूंकि शांति राज्य की प्राथमिकता है, इसलिए यह सदन बातचीत और संवैधानिक तरीकों से पूरे राज्य में पूर्ण शांति लौटने तक लोगों के बीच सभी मतभेदों को हल करने का प्रयास करेगा। एक प्रस्ताव में, विधानसभा ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की सराहना की और वैज्ञानिक एन.रघु सिंह को बधाई दी, जो मणिपुर से हैं और मिशन का नेतृत्व करने वाली इसरो टीम का हिस्सा थे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत विभिन्न हलकों से लगातार मांग के बाद मंगलवार का विधानसभा सत्र ऐसे समय में आयोजित किया गया, जब राज्य जातीय दंगों से तबाह हो चुका है।

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