मध्यमग्राम : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा स्वीकार्य नहीं है। राजनीतिक दलों और नेताओं को जिम्मेदार तरीके से व्यवहार करना चाहिए। बनर्जी ने उत्तरी 24 परगना में मध्यमग्राम से बारासात तक सीएए विरोधी मार्च को संबोधित किया। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उनकी यह दसवीं रैली थी।
प्रदर्शन मार्च को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की छात्र इकाई – तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद् केंद्र द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिए जाने तक कोलकाता में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेगी। उन्होंने कहा कि वह हिंसा या झड़प का बिल्कुल समर्थन नहीं करती हैं। नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्से में इस तरह की घटनाएं हुई थीं। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मैं जिंदा हूं मैं सीएए, एनआरसी, एनपीआर लागू नहीं होने दूंगी।’’
ट्रेड यूनियनों की बुधवार की हड़ताल के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं। राजनीतिक दलों और नेताओं को जिम्मेदार तरीके से व्यवहार करना चाहिए । हिंसा विरोध का सही तरीका नहीं है।’’ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन करने की प्रक्रिया को समूचे देश में एनआरसी लागू करने के पहले का कदम बताते हुए बनर्जी ने लोगों को किसी के साथ भी निजी विवरण साझा नहीं करने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठायी। इस बार एनपीआर फॉर्म में छह नयी निजी जानकारी मांगी गयी है। मैं आप सब से अनुरोध करती हूं कि किसी के साथ भी अपने विवरणों को साझा नहीं करें।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर आपके यहां आकर कोई विवरण मांगता है तो उनके अनुरोध को ठुकरा देना।’’ राज्य सरकार ने दिसंबर में एनपीआर तैयार करने और अद्यतन किए जाने संबंधी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी ।