एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र में सत्ता गंवा चुकी शिवसेना का किला ढहता नजर आ रहा है। विधानसभा के बाद नगर निगम और नगर पालिका से भी शिवसेना बाहर होती नजर आ रही है। दरअसल, कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका में शिवसेना के 55 कॉर्पोरेटरों ने एकनाथ शिंदे गुट को समर्थन दिया है। इससे पहले ठाणे के पूर्व मेयर नरेश मुस्के के साथ 67 पूर्व नगर पार्षदों शिंदे के समूह में शामिल हो गए।
बता दें कि सबसे पहले नवी मुंबई में शिवसेना के 32 कॉर्पोरेटरों ने एकनाथ शिंदे से मिलकर अपना समर्थन दिया था। मुंबई महानगर क्षेत्र में मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, मीरा भायंदर, वसई-विरार, पनवेल और भिवंडी निजामपुर जैसी 9 महत्वपूर्ण नगर निगम हैं। ठाणे में एकनाथ शिंदे की पकड़ मजबूत मानी जाती है।
शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं शिवसेना के कई नेता और MLA
ये घटनाक्रम एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक सप्ताह बाद आया है और 29 जून को एमवीए सरकार के गिरने के बाद भारतीय जनता पार्टी के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। इसके अलावा, ऐसे संकेत हैं कि शिवसेना के कई निर्वाचित विधायक, पार्टी के नेता और विभिन्न स्तरों पर पदाधिकारी आने वाले हफ्तों में शिंदे समूह के प्रति निष्ठा को स्थानांतरित कर सकते हैं।
शिंदे खेमे ने दावा किया है कि शिवसेना के कई सांसद भी उनके संपर्क में हैं और जल्द ही उनके साथ जुड़ सकते हैं। यहां तक कि लोकसभा में शिवसेना की मुख्य सचेतक भावना गवली – यवतमाल- वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद को बुधवार को हटा दिया गया और उनकी जगह ठाणे के सांसद राजन विचारे को दिया गया है।
शिवसेना 11 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उम्मीदें टिकी हुई है, जिसके बाद पार्टी अपने भविष्य के कार्यों की रूपरेखा तैयार करेगी, जबकि ठाकरे ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत और संचार शुरू कर दिया है।