Maharashtra: प्याज के मुद्दे पर महाराष्ट्र में घमासान शुरू हो गया है। बता दें यहां के तीन जिलों में रविवार को किसानों ने मंडियों में प्याज निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। तो वहीं, प्याज पर निर्यात शुल्क और किसानों के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
किसानों ने थोक बाजार में प्याज की चल रही नीलामी रोक दी
आपको बता दें, प्याज की कीमतें आसमान में न पहुंचे, इसके लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया है। यानी प्याज को विदेश में बेचने पर विक्रेता को 40 फीसदी शुल्क सरकार को देना होगा। अब केंद्र सरकार के इस फैसले पर विवाद शुरू हो गया है। बता दें फैसले को लेकर नासिक के सताना, मालेगांव और लासलगांव में, अहमदनगर और पुणे के मंचर और खेड़ में थोक बाजारों में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में प्याज किसानों ने थोक बाजार में प्याज की चल रही नीलामी रोक दी।
शुल्क ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि कोई निर्यात नहीं होगा
तो वहीं, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) का कहना है कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरे महाराष्ट्र के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही एसएसएस के राज्य अध्यक्ष संदीप जगताप ने कहा, केंद्र सरकार का किसान विरोधी रुख फिर से सामने आ गया है। महाराष्ट्र में किसान प्याज के निर्यात से अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन लगाए गए शुल्क ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि कोई निर्यात नहीं होगा।
मामले पर सियासत भी काफी तेज हो गई
इसके साथ ही पर इस मामले पर सियासत भी काफी तेज हो गई है। बता दें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि भाजपा-शिवसेना सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों की समर्थक है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार प्याज की कीमतें कम रखने की भरसक कोशिश कर रही है और उसे किसानों के हितों की कोई परवाह नहीं है। हम केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हैं।