महाराष्ट्र : NCP नेता सुप्रिया सुले ने बोला पार्टी में कोई लड़ाई नहीं - Punjab Kesari
Girl in a jacket

महाराष्ट्र : NCP नेता सुप्रिया सुले ने बोला पार्टी में कोई लड़ाई नहीं

महाराष्ट्र की राजनीति में रोज नई उथल – पुथल के साथ कुछ भी नया घट जाता है। कभी कोई पार्टी बदलता है तो कोई पार्टी पर ही अपना दावा ठोक देता है। कोई बगावत कर मुख्यमंत्री तो किसी को उपहार में उपमुख्यमंत्री पद मिलता है। ये सब राजनीति कोई नया नहीं है लेकिन ये सब बहुत कम समय में बड़े स्तर पर घटना सबको चौंकाता है।

चुनाव चिन्ह के ‘जाने’ का कोई सवाल ही नहीं

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने रविवार को कहा कि पार्टी में कोई लड़ाई नहीं है और चुनाव चिन्ह के ‘जाने’ का कोई सवाल ही नहीं है। सांसद सुले ने कहा कि पार्टी की स्थापना वरिष्ठ नेता शरद पवार ने की थी और जाहिर है कि चुनाव चिन्ह उनके पास ही रहना चाहिए। एनसीपी में कोई लड़ाई नहीं है… पार्टी की स्थापना 25 साल पहले शरद पवार ने की थी… कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हर कोई जानता है कि एनसीपी का मतलब शरद पवार है। एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार हैं और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल हैं. इसके (प्रतीक) जाने का कोई सवाल ही नहीं है।’ सुप्रिया सुले ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, पार्टी शरद पवार ने बनाई थी, इसलिए चुनाव चिन्ह उनके पास ही रहना चाहिए, यह स्पष्ट है।

पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क

जुलाई की शुरुआत में अजित पवार ने पार्टी के दो गुटों के बीच झगड़े के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था। बाद में चुनाव आयोग ने पार्टी के दोनों गुटों को पत्र लिखकर स्वीकार किया कि पार्टी में विभाजन हो गया है। आयोग ने इस विवाद में पहली सुनवाई की तारीख 6 अक्टूबर तय की है। जुलाई में आयोग ने अजीत पवार गुट द्वारा दायर एक याचिका के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी समूह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

राकांपा अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए

प्रफुल्ल मारपकवार की रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में दावा किया गया है कि अजीत पवार को राकांपा अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए और चुनाव चिन्ह आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार उन्हें पार्टी का घड़ी चिन्ह आवंटित किया जाना चाहिए।
अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी और जब उन्होंने 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उनका नोटिस 5 जुलाई को चुनाव आयोग के कार्यालय में पहुंचा। अजित पवार ने अपने दावे के समर्थन में सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ याचिका दायर की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 + fourteen =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।