महाराष्ट्र की राजनीति में दूसरी पार्टी से संघर्ष कम अपनों से ज्यादा चल रहा है ये कहावत तो सुनी ही होगी हमें तो अपनों ने लूटा गैरो में कहा दम था…एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जहा अजीत पवार के इस राजनीतिक कदम को डकैती बताया वही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार पर बढ़ती उम्र को लेकर निशाना साधा। महाराष्ट्र की राजनीति का आलम अब राजनीतिक के साथ व्यक्तिगत भी होता जा रहा है। कोई इसे टूटता परिवार बोल रहा है तो कोई इसे भतीजे की बगावत बता रहा है। 
साल 2014 में बन सकते थे मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने एक सभा को सम्बोधित करते हुए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर तीखा प्रहार करते हुए उनसे पद छोड़ नई पीढ़ी को अवसर प्रदान का आग्रह किया , उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भी 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। भतीजे पवार ने साल 2014 में ज्यादा विधायक होने के बावजूद रांकापा से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री न बन पाने का मौका ,हाथ से जाने का जिम्मेदार 82 वर्षीय शरद पवार को बताया।
भाजपा के नेता भी 75 की उम्र में रिटायर होते 
उन्होंने कहा, ”आपने मुझे सामने खलनायक के रूप में चित्रित किया।” मेरे मन में अब भी उनके (शरद पवार) प्रति गहरा सम्मान है…लेकिन आप मुझे बताएं, आईएएस अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं…राजनीति में भी – बीजेपी नेता 75 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली का उदाहरण देख सकते हैं मनोहर जोशी… इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है…आप (शरद पवार) हमें अपना आशीर्वाद दें… दूसरे दिन, वह वाईबी चव्हाण स्मारक गए… मैं भी वहां गया हूं… लेकिन आप 83 वर्ष के हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं?… हमें अपना आशीर्वाद दें और हम प्रार्थना करेंगे कि आप लंबी उम्र जिएं।
साल 2004 में विधानसभा में कोंग्रस से ज्यादा एनसीपी के विधायक
उपमुख्यमंत्री ने यहां बांद्रा में पार्टी विधायकों और अन्य कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा। 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे। अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता।”इस साल मई में शरद पवार ने घोषणा की थी कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे, लेकिन बाद में विरोध के बाद उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया।
मंत्रिमंडल के पद आवंटन के बाद भी बीजेपी से पीछे हटे
इसके अलावा, 2004 के विधान सभा चुनावों में, एनसीपी को 71 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 69 सीटें मिली थीं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा बंगले में 2017 में एक बैठक को याद करते हुए, पवार ने कहा, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं छगन भुजबल, जयंत पटेल के आदेश पर, मैं और कई अन्य लोग वहां गए थे। वहां बीजेपी के कई नेता भी थे। हमारे बीच कैबिनेट पोर्टफोलियो आवंटन और संरक्षक मंत्रियों के पदों पर चर्चा हुई। लेकिन बाद में हमारी पार्टी ने कदम पीछे खींच लिये।