महाराष्ट्र की राजनीती में हलचल जोरो पर है किसी को राजनीतिक दल से समर्थन चाहिए तो किसी को पूरी पार्टी। विरोध या कोई मांग दूसरी राजनीतिक दल से हो तो पार्टी की एक जुटता दिखाती है लेकिन आपसी रस्सा कसी में अधिकतर पार्टी आपस में बट जाती है। एनसीपी नेता अजित पावर के निवास पर पार्टी नेताओ की बैठक हुई। सूत्रों की मानो तो बैठक में भाग लेने वाले सभी विधायकों ने एक आवाज में मांग की है कि अजित पवार को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाए। अजित पवार ने कुछ दिनों पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा जाहिर की थी। राजनीति के गलियारों में तो यहा तक कहा जा रहा अजित पवार पार्टी प्रमुख पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन प्रश्न यह उठता है क्या वरिष्ठ पवार अपने भतीजे की ये बात मान लेंगे ?
नेता प्रतिपक्ष नहीं रहना चाहते हैं अजित पवार
बीते दिनों अजित पवार ने ये बयान दिया था कि, उन्हें नेता विपक्ष के पद पर बने रहने में कोई रूचि नहीं है। अगर पार्टी में उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दी जाती है तो वह उसे बखूबी निभाएंगे, जिसके बाद महाराष्ट्र के भीतर पार्टी नेतृत्व में बदलाव की चर्चा होने लगी है। फिलहाल जयंत पाटिल एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बीते 5 सालों से संभाल रहे हैं।
बैठक के लिए अजित पवार के घर पहुंचे ये नेता
दिलीप वलसे पाटील
हसन मुश्रीफ
छगन भुजबल
किरण लहमाटे
निलेश लंके
धनंजय मुंडे
रामराजे निंबालकर
दौलत दरोडा
मकरंद पाटील
अनुल बेणके
सुनिल टिंगरे
अमोल मिटकरी
अदिती तटकरे
अमोल कोल्हे (खासदार)
शेखर निकम
निलय नाईक
अजित पवार एनसीपी की राष्ट्रीय टीम में नहीं
एनसीपी प्रमुख ने पिछेल महीने जून में पार्टी में बड़े बदलाव करते हुए पार्टी की बागडोर अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल के हाथों में सौंप दी थी। दोनों को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। जिसके बाद इस फैसले को अजित पवार के लिए सही नहीं देखा जा रहा। एक समय अजित पवार को पार्टी अध्यक्ष का बड़ा दावेदार माना जा रहा था लेकिन आलम कुछ ऐसा हुआ उन्हें राष्ट्रिय टीम में भी जगह नहीं मिली।
पार्टी में अपनी भूमिका की मांग
कुछ दिनों बाद ही अजित पवार ने पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर मांग की थी और कहा कि वे पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। अजित पवार के बयान के बाद शरद पवार ने कहा था कि हर कोई पार्टी के लिए काम करना चाहता है, अजित ने भी अपनी भावना व्यक्त की है, लेकिन पार्टी में कोई एक व्यक्ति किसी की भूमिका फैसला नहीं कर सकता है. अजित पवार समेत पार्टी के नेता मिलकर इसका फैसला करेंगे.