महाराष्ट्र में बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने ओबीसी के लिए आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर आज राज्य भर में प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए नागपुर में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को पुलिस ने हिरासत में लिया। पार्टी ने पहले घोषणा की थी कि वह राज्य भर में 1,000 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अपने गृह जिले नागपुर में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, इस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इन प्रदर्शनों के कारण ठाणे को मुंबई से जोड़ने वाला सड़का मार्ग कुछ देर के लिए बाधित हो गया। पुणे में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि यदि बीजेपी की मांग पूरी नहीं होती है, तो पार्टी भविष्य में और बड़े प्रदर्शन करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को बरकरार रखने में नाकाम रही। मुंडे ने कहा, ‘‘सरकार ओबीसी आरक्षण को हासिल करने में नाकाम रही, जो कि समुदाय के उत्थान के लिए आवश्यक है।’’ मुंडे ने आरोप लगाया कि जब ओबीसी आरक्षण संबंधी मामला कोर्ट में लंबित था, तब राज्य सरकार सहकारी क्षेत्र में चुनाव सहित विभिन्न चुनावों को टालती रही और कोर्ट ने जब आरक्षण समाप्त कर दिया, उसे बाद ही चुनावों की घोषणा की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग कर रहे हैं कि ओबीसी आरक्षण बहाल किया जाए और तब तक कोई चुनाव नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि सरकार चुनाव स्थगित करने की मांग को लेकर हमारे साथ मिलकर चुनाव आयोग से संपर्क करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव होते हैं, तो हम और बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह ‘चक्का जाम’ सिर्फ एक ट्रेलर है।’’
एक अन्य बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन और विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने इस मामले को लेकर मुंबई में राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी-शिवसेना सरकार ने 2019 में स्थानीय निकायों में ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में संबंधित स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं ओबीसी के लिए आरक्षित कुल सीटों के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम 1961 के भाग 12 (2)(सी) की व्याख्या करते हुए ओबीसी के लिए संबंधित स्थानीय निकायों में सीटों का आरक्षण प्रदान करने की सीमा से संबंधित राज्य चुनाव आयोग द्वारा वर्ष 2018 और 2020 में जारी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया था।
बीजेपी का आरोप है कि एमवीए सरकार की निष्क्रियता के कारण यह आरक्षण रद्द हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने धुले, नंदुरबार, वाशिम, अकोला और नागपुर जिलों में उपचुनावों की घोषणा की है और जिला परिषद की 85 सीटें और 144 पंचायत समिति सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। बीजेपी ने शुक्रवार को मांग की कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय का तत्काल रूख कर पांच जिलों में जिला परिषद उपचुनाव स्थगित करने का अनुरोध करे।