हरिद्वार : निर्मल पंचायती अखाडे़ के कोठारी महन्त जसविन्दर सिंह ने कहा कि जो लोग हमारे ऊपर संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगा रहे हैं, वे खुद संत नहीं हैं। उनमें ज्यादातर संत तो गृहस्थी हैं और उनके बीवी-बच्चे भी हैं। जबकि गृहस्थी किसी अखाडे़ का महन्त नहीं हो सकता। आज निर्मल पंचायती अखाडे़ में पत्रकारों से बात करते हुए महन्त जसविन्दर सिंह शास्त्री ने कहा कि श्री महन्त ज्ञानदेव सिंह को किसी को भी पद से हटाने का अधिकार नहीं है। श्रीमहन्त का पद आजीवन है।
उन्होंने कहा कि जिस महन्त प्रेम सिंह ने एक्कड़ कलां में अखाड़े की संपत्ति और भवन में जबरन कब्जा किया हुआ है। वह न तो मुखिया महन्त है और न ही उसे अखाड़े की इस संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार है। महन्त प्रेम सिंह, महन्त गोपाल सिंह और महन्त हाकम सिंह गृहस्थ है। इनके बीवी-बच्चें हैं और यह निर्मल पंचायती अखाडे़ के नियम के अनुसार महन्त नहीं बन सकते हैं क्योंकि निर्मल अखाडे में गृहस्थी को साधु नहीं बनाया जा सकता है।अखाड़े के कोठारी महन्त जसविन्दर सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व अखाड़े की संपत्तियों को नाजायज तरीके से बेचने की कोशिश कर रहे है।
उन्होंने कहा कि इस गिरोह का मुखिया कश्मीर सिंह भूरी वाला आतंकवादियों से ताल्लुख रखता है और उसकी गतिविधियां संदिग्ध हैं। उन्होंने कहा कि निर्मल अखाड़े के विवाद की सीबीआई जांच करवायी जानी चाहिए। जिससे इन अपराधिक किस्म के लोगों की असलियत सामने आ जाएगी। प्रेस वार्ता में महन्त अमनदीप सिंह, महन्त सतनाम सिंह, महन्त मलकीत सिंह, महन्त प्यारे सिंह, महन्त लक्ष्मण सिंह शास्त्री आदि मौजूद थे।