मध्यप्रदेश : कांग्रेस में टूट की खबर, राष्ट्रपति चुनाव में की हैं बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग - Punjab Kesari
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मध्यप्रदेश : कांग्रेस में टूट की खबर, राष्ट्रपति चुनाव में की हैं बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग

राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस में बड़ी सेंधमारी की है यही

राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस में बड़ी सेंधमारी की है यही कारण है कि भाजपा को जहां तय संख्या (126 भाजपा और सात अन्य) से 13 वोट ज्यादा मिले हैं, तो वही कांग्रेस के 19 वोट कम हुए हैं इसके अलावा पांच वोट निरस्त हुए हैं। राज्य की विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल विधायक संख्या 230 हैं, इसमें भाजपा के 127, कांग्रेस के 96, बसपा के दो, सपा का एक और निर्दलीय चार विधायक हैं। भाजपा को बसपा की दो और सपा व कांग्रेस के एक-एक विधायक के अलावा दो निर्दलीय का समर्थन हासिल है इस तरह भाजपा को अधिकतम 133 वोट मिलने की संभावना थी।
कांग्रेस के 19 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में किया हैं वोट 
draupadi murmu gets less votes from yashwant sinha in 8 states kerala  punjab telangana - India Hindi News - द्रौपदी मुर्मू को देश भर से बंपर  सपोर्ट, पर इन 4 राज्यों में
राष्ट्रपति के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में भाजपा ने कई जनजातीय वर्ग के विधायकों से संपर्क किया था, यह बात सामने भी आई थी और कांग्रेस के कई विधायकों ने तो सीधे तौर पर प्रलोभन और एक करोड़ रुपए तक का ऑफर होने की बात कही थी। अब जो मतगणना के बाद तस्वीर सामने आई है उसमें पता चलता है कि राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को मध्य प्रदेश से 146 वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस के खाते में 79 वोट आए हैं, इस तरह कांग्रेस को 19 वोट कम मिले हैं क्योंकि 96 विधायक कांग्रेस के हैं और दो निर्दलीय विधायकों ने यशवंत सिन्हा को वोट देने की बात कही थी। इस तरह कांग्रेस को उम्मीद थी कि सिन्हा को मध्य प्रदेश से 98 वोट मिलेंगे। दोनों ही राजनैतिक दलों ने अपने विधायकों को मतदान की ट्रेनिंग दी थी मगर उसके बावजूद पांच वोट निरस्त हुए हैं। अब सवाल उठ रहा है कि जो वोट निरस्त हुए हैं वह किस दल के विधायक हैं।
आपको बता दे की मध्यप्रदेश में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल हैं, 2015 के चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता का सुखा खत्म करते हुए सरकार बनाई । लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के चलते विधायकों के बड़े समूह ने भाजपा के समर्थन में आकर इस्तीफा देकर सरकार गिरा  दे थी । लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चलते फिर से टूट का अंदेशा लगाया जा रहा हैं। 
 

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