मध्य प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर इंदौर की केंद्रीय जेल से एक कैदी की रिहाई के बाद उसके समर्थकों की ओर से कारागार परिसर में उसके जोरदार स्वागत का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है।दें जेल अधिकारियों ने हालांकि, वीडियो प्रसारित होने के बाद जेल नियमों के किसी भी उल्लंघन से इनकार किया है और सुरक्षा कर्मियों को अधिक सतर्कता से काम करने के निर्देश दिए हैं।
कैदियों को उनके अच्छे आचरण के कारण रिहा किया
आपको बता दें केंद्रीय जेल की अधीक्षक अलका सोनकर ने इस मामले में जेल के नियमों के किसी उल्लंघन से इनकार किया, लेकिन कहा कि रिहा किये गये कैदी शैलू जायसवाल का वीडियो प्रसारित होने के बाद सुरक्षाकर्मियों को ‘‘और ज्यादा मुस्तैदी’’ से काम करने के लिए कहा गया है ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति जेल परिसर में ऐसा वीडियो न बना सके।हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा माफ किए जाने के बाद जायसवाल को रिहा किया गया था। हर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जेल से कैदियों को उनके अच्छे आचरण के कारण रिहा किया जाता है।
अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी
सोनकर ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया, ‘‘मैंने यह वीडियो देखा है। इसमें दिखाई दे रहा व्यक्ति शैलू जायसवाल है। वह उन मुजरिमों में शामिल है जिन्हें जेल में उनके अच्छे आचरण के कारण सजा माफी के चलते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया गया था।’’उन्होंने बताया कि जायसवाल को हत्या के एक मामले में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
वाहन का पंजीयन क्रमांक स्पष्ट नहीं
सोनकर ने कहा कि सजा माफी के आधार पर रिहाई के बाद जायसवाल को लेने आए काफिले की एक गाड़ी जेल परिसर के एक द्वार के पास वहां खड़ी की गई थी जहां कैदियों की उनके परिजनों से मुलाकात कराई जाती है।उन्होंने कहा कि जायसवाल के काफिले की एक गाड़ी की नम्बर प्लेट पर ‘‘विधायक’’ लिखा नजर आ रहा है, लेकिन इस वाहन का पंजीयन क्रमांक स्पष्ट नहीं है।