मध्यप्रदेश सरकार ने अतिवृष्टि एवं बाढ़ राहत को लेकर केन्द्र पर लगाया भेदभाव करने का आरोप - Punjab Kesari
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मध्यप्रदेश सरकार ने अतिवृष्टि एवं बाढ़ राहत को लेकर केन्द्र पर लगाया भेदभाव करने का आरोप

केन्द्र सरकार की आईएमसीटी प्रदेश के 21 जिलों में दौरा कर अति-वृष्टि से हुई तबाही देख चुकी है।

मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अतिवृष्टि एवं बाढ़ राहत में भेदभाव का आरोप केन्द्र सरकार पर लगाते हुए कहा कि भाजपा-नीत सरकार ने इसी प्रयोजन के लिये कर्नाटक और बिहार को सहायता राशि प्रदान की है लेकिन मध्यप्रदेश को कुछ भी नहीं मिला जबकि केन्द्रीय दल दो बार राज्य का दौरा कर नुकसान का आकलन कर चुका है और राज्य सरकार भी कई बार आग्रह कर चुकी है।
मंत्री परिषद की बैठक के बाद प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने गुरुवार शाम संवाददाताओं को बताया, ‘‘ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अक्टूबर की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान की पूरी जानकारी दी और इसे गंभीर आपदा की श्रेaणी में रखने की माँग की थी।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर उन्हें शीघ्र राहत राशि जारी करने का अनुरोध किया था। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव ने भी इस संबंध में केन्द्रीय गृह सचिव से मुलाकात की थी। केन्द्र का दल दो बार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुका है। केन्द्र सरकार की आईएमसीटी प्रदेश के 21 जिलों में दौरा कर अति-वृष्टि से हुई तबाही देख चुकी है। इसके बावजूद अभी तक भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को कोई सहायता राशि प्रदान नहीं की है। 
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने कर्नाटक और बिहार को इसी प्रयोजन के लिये सहायता राशि दी है।
शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने अति वृष्टि और बाढ़ प्रभावितों के प्रति मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए केन्द्र सरकार की सहायता का इंतजार किये बिना अपने सीमित संसाधनों से त्वरित कार्यवाही की। प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद कर रही है। राज्य सरकार ने अब तक प्रभावित परिवारों को लगभग 200 करोड़ रुपये सहायता राशि दी है। इसमें फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए दी गई राशि शामिल नहीं है।
उन्होंने बताया कि अति-वृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित मंदसौर, आगर और नीमच जिलों में फसल क्षति के लिये भी राज्य सरकार ने राशि का वितरण प्रारंभ कर दिया है। इन जिलों में अभी तक फसल राहत मद में 270 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। सरकार ने सभी जिलों में सर्वे का काम पूरा कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अति-वृष्टि से लगभग 55 लाख किसानों की 60 लाख हेक्टेयर फसल खराब हो गई है। साथ ही प्रदेश की 11,000 किलोमीटर सड़कें भी खराब हुई हैं। लगभग सवा लाख मकानों को भी नुकसान पहुँचा है। भारी बारिश के दौरान राज्य सरकार ने सभी एजेंसियों की मदद से लगभग 75,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया।
उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में लोगों को जल्दी राहत दिलाने के लिये प्रदेश सरकार ने भारत सरकार को एनडीआरएफ से 6,621.28 करोड़ रुपये की सहायता के लिये एक अक्टूबर को ही अनुरोध किया था।

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